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वाराणसी तहसील में जमीन विवाद से दुखी बुजुर्ग ने खुद को लगाई आग, हालत गंभीर

राजातालाब तहसील परिसर में बुजुर्ग ने पेट्रोल डालकर किया आत्मदाह का प्रयास

 

जमीन विवाद में केस हारने के बाद उठाया खौफनाक कदम 

पुलिसकर्मियों और वकीलों ने कपड़ा-मिट्टी डालकर बुझाई आग

प्रशासनिक पक्ष—ग्रामसभा भूमि पर अतिक्रमण का था मामल

बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती, सीनियर डॉक्टर्स की निगरानी में इलाज जारी

वाराणसी, भदैनी मिरर। जमीन विवाद में केस हारने के बाद शुक्रवार दोपहर वाराणसी के राजातालाब तहसील परिसर में एक बुजुर्ग ने आत्मदाह का प्रयास किया। घटना से तहसील परिसर में अफरा-तफरी मच गई। वकीलों और पुलिसकर्मियों ने मौके पर दौड़कर कपड़ा और मिट्टी डालकर किसी तरह आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बुजुर्ग 50% तक जल चुके थे। उन्हें तुरंत बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां वरिष्ठ चिकित्सकों की निगरानी में इलाज चल रहा है।
बुजुर्ग की पहचान मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के जोगापुर निवासी वशिष्ठ नारायण गौड़ (पुत्र रामाधार) के रूप में हुई है। उनके पास बैग में पेट्रोल की बोतल थी। अचानक तहसील परिसर में उन्होंने खुद पर पेट्रोल छिड़का और माचिस जलाकर आग लगा ली। आग की लपटों में घिरते ही वह चिल्लाते हुए इधर-उधर दौड़ने लगे।
जमीन विवाद की पृष्ठभूमि
वशिष्ठ नारायण और उनके पड़ोसी अरविंद बाबू के बीच 122 बीघा जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। तहसील कोर्ट ने इस मामले में फैसला उनके खिलाफ सुनाया था। इसके बाद उन्होंने जिलाधिकारी के यहां अपील की, लेकिन वह भी खारिज कर दी गई। निराश होकर ही उन्होंने आत्मदाह का प्रयास किया।
बीएचयू में इलाज जारी
प्रशासन ने मामले पर बयान जारी करते हुए बताया कि वशिष्ठ नारायण द्वारा ग्रामसभा की नवीन परती भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया गया था। इस भूमि पर पानी की टंकी का निर्माण कार्य भी चल रहा है। तहसील राजातालाब की अदालत ने सुनवाई के बाद उनके खिलाफ धारा 67, यूपी राजस्व संहिता के अंतर्गत बेदखली का आदेश पारित किया था। बाद में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के न्यायालय ने उनकी अपील भी खारिज कर दी।
प्रशासनिक अधिकारियों ने यह भी बताया कि वशिष्ठ नारायण के पास जोगापुर में मकान और लगभग 19 एयर भूमि मौजूद है तथा उनके तीन पुत्र भी हैं। वर्तमान में उनका बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है।