वाराणसी कोर्ट में राहुल गांधी, सोनिया गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश
बीजेपी विधि प्रकोष्ठ संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी की अपील पर कार्रवाई, पीएम मोदी और उनकी मां को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला
वाराणसी, भदैनी मिरर। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं पर कानूनी शिकंजा कसता दिखाई दे रहा है। वाराणसी की अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और सहयोगियों के खिलाफ आपराधिक परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह मामला भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी द्वारा दायर परिवाद से संबंधित है। त्रिपाठी ने अपनी अपील में कहा था कि कांग्रेस नेताओं और उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी माता के संबंध में अत्यंत अपमानजनक एवं असभ्य शब्दों का प्रयोग किया गया है।
परिवाद में यह भी उल्लेख किया गया कि कांग्रेस पार्टी की ओर से "वोट चोर", "गद्दी छोड़" जैसे नारे चलाए गए, जिससे न केवल प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास हुआ बल्कि संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता पर भी प्रश्नचिह्न लगाया गया।
शशांक त्रिपाठी ने अपने परिवाद में यह भी आरोप लगाया कि एआई जनित वीडियो, फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट और भ्रामक प्रचार सामग्री के माध्यम से जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया।
अदालत ने मामले को पोषणीय मानते हुए केस दर्ज करने का आदेश दिया है और परिवादी का बयान दर्ज करने के लिए 24 अक्तूबर 2025 की तिथि निर्धारित की है।
बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के संयोजक शशांक शेखर त्रिपाठी ने इसे "लोकतांत्रिक गरिमा और मर्यादा की जीत" बताया है। वहीं, इस मामले में कांग्रेस की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।