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वाराणसी: फर्जी कॉल सेंटर चलाकर ठगी करने के आरोप में जेल भेजे गए तीन आरोपितों को कोर्ट से जमानत

विशेष न्यायाधीश ने 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर आरोपितों को रिहाई का आदेश दिया, साइबर सेल की छानबीन में सामने आए थे बड़े खुलासे।

 
वाराणसी। फर्जी कॉल सेंटर चलाकर बड़े पैमाने पर ठगी करने के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपितों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम) सर्वजीत कुमार सिंह की अदालत ने जड़्डूमंडी (लक्सा) निवासी एक महिला, त्रिलोचन महादेव (जौनपुर) निवासी धीरज दूबे और शिवम यादव को राहत दी है। अदालत ने 50-50 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहाई का आदेश पारित किया।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, संदीप यादव और शिवम मिश्रा ने पैरवी की।
कैसे खुला फर्जीवाड़े का राज
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, डीसीपी क्राइम सरवणन टी को सूचना मिली थी कि कुछ लोग कॉल सेंटर चलाकर लोगों से शेयर मार्केट ट्रेडिंग और ऑनलाइन इंवेस्टमेंट के नाम पर ठगी कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि आरोपित लोगों को गलत वीडियो, फर्जी टिप्स और क्यूआर कोड के जरिए पैसे ऐंठते थे। साथ ही एंजल कंपनी में डीमैट अकाउंट खुलवाने के नाम पर भी धोखाधड़ी की जाती थी।
सूचना के बाद साइबर सेल, लक्सा और सिगरा पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर एक महिला समेत कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
तलाशी के दौरान आरोपितों के पास से 54 मोबाइल फोन, लैपटॉप और बड़ी संख्या में चेकबुक बरामद किए गए थे। एनसीआरबी पोर्टल पर इस गैंग के खिलाफ 54 शिकायतें दर्ज थीं। जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह दक्षिण भारतीय राज्यों तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और पश्चिम भारत के गुजरात व महाराष्ट्र के लोगों को खासतौर पर निशाना बनाता था।
पुलिस की छानबीन में खुलासा हुआ कि यह फर्जी कॉल सेंटर वाराणसी में करीब दो साल से संचालित था। इसी मामले में आरोपितों ने कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे सुनवाई के बाद मंजूर कर लिया गया।