वाराणसी : रिश्वतखोर महिला थाना प्रभारी सुमित्रा और कांस्टेबल अर्चना दस हजार घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार
घूसखोरी का हब बना बनारस, चार्जशीट से नाम हटाने के लिए मांगे से 42 हजार रूपये
पीएम के संसदीय क्षेत्र में कई दरोगा और पुलिसकर्मियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी कमिश्नरेट के कोतवाली थाना परिसर में स्थापित महिला थाना की प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी और उसकी सहयोगी आरक्षी अर्चना को शुक्रवार को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रूपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। सुमित्रा देवी एक मुकदमे में आरोपितों के नाम हटाने के लिए 42 हजार की रिश्वत मांगी थी। रिश्वत की दूसरी किस्त दस हजार रूपये लेते समय धर दबोची गई। इससे पहले भी जिले के कई दरोगा और सिपाही घूसखोरी में गिरफ्तार हो चुके हैं। इतनी गिरफ्तारियां देख यही लगता है कि बनारस घूसखोरी का हब बन गया है।
जानकारी के अनुसार भदोही जिले के सिविल लाइन, जलालपुर के रहनेवाले मेराज ने शिकायत दर्ज की थी कि उनके छोटे भाई की शादी बड़ागांव थाना क्षेत्र में हुई थी। शादी के बाद दंपती के बीच विवाद चल रहा था। इस दौरान छोटे भाई की पत्नी की शिकायत पर महिला थाने में 14 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। मेराज पक्ष ने महिला थाना प्रभारी से बात की वस्तुस्थिति बताई तो उसने जेल भेजने की धमकी दी। बाद में मुकदमे से कुछ आरोपितों के नाम हटाने के एवज में सुमित्रा ने 42 हजार रूपये की मांग की। हालांकि मेराज पहले ही 10,000 रुपये दे चुके थे। लेकिन महिला थाना प्रभारी की धमकियां और तगादे से परेशान मेराज ने एंटी करप्शन विभाग के अधिकारी से शिकायत की। इसके बाद ट्रैप टीम मेराज को लेकर कोतवाली पहुंची। दस हजार के नोटों में पहले ही केमिकल लगाये जा चुके थे। जैसे ही मेराज ने केमिकल लगे नोट थाना प्रभारी सुमित्रा देवी और उनके साथ मौजूद महिला आरक्षी अर्चना को सौंपे। एंटी करप्शन टीम ने दोनों को हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई में कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नीरज कुमार सिंह भी शामिल थे।
बताया जाता है कि सुमित्रा देवी ने चार्जशीट से आरोपितों के नाम हटाने के लिए पहले 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। बादमें यह रकम 42 हजार पर तय हुई। सुमित्रा देवी मूल रूप से प्रयागराज के झुंसी थाना क्षेत्र की महमूदाबाद गंगा दीप कॉलोनी की रहनेवाली है। उसकी वाराणसी में महिला थानाध्यक्ष के रूप में दूसरी तैनाती थी। इससे पहले वे राजातालाब थाना प्रभारी निरीक्षक रही। एंटी करप्शन टीम सुमित्रा देवी और अर्चना से पूछताछ कर रही है। राजातालाब और कोतवाली क्षेत्र के लोगों ने बताया कि सुमित्रा बिना रिश्वत लिये कोई काम करने को तैयार नही होती थी। उसकी यह आदत बन चुकी थी। पीएम के संसदीय क्षेत्र के पिछले दो साल में करीब एक दर्जन से अधिक दरोगा, सिपाही, लेखपालों को घूस लेते एंटी करप्शन टीमें गिरफ्तार कर चुकी है। कमिश्नरेट के अमूमन सभी थाना क्षेत्रों का यही हाल है। भुक्तभोगियों का कहना है कि बिना घूस लिये पुलिस सही काम भी नही करना चाहती। उनका कहना होता है कि घूस की रकम आला अधिकारियों तक देनी पड़ती है।