वाराणसी : ब्लैक आउट वापस, अभी गंगा में नही करेंगे गंगा में दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन
केंद्रीय पूजा समिति के साथ प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक के बाद हुई घोषणा
वाराणसी, भदैनी मिरर। दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर पहले प्रस्तावित ब्लैकआउट करने की घोषणा करनेवाली को आखिरकार केंद्रीय पूजा समिति (उ.प्र.) काशी क्षेत्र ने आखिरकार वापस ले लिया। पुरातन काल से चली आ रही मां गंगा में मूर्ति विसर्जन के लिए अडिग समिति ने जिले के 512 रजिस्टर्ड दुर्गा पूजा पंडालों में एक घंटे के लिए लाइट बंद कर ब्लैकआउट करने और श्रद्धालुओं से मोबाइल की रोशनी जलाकर समर्थन देने का आह्वान किया था। लेकिन जिला प्रशासन और समिति की संयुक्त बैठक में ब्लैक आउट को वापस ले लिया गया।
समिति की विज्ञप्ति के अनुसार पुलिस उपायुक्त काशी, अपर जिलाधिकारी और केंद्रीय पूजा समिति काशी क्षेत्र (उ.प्र.) के पदाधिकारियों की बैठक में विचार-विमर्श हुआ। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय पूजा समिति के अध्यक्ष तिलकराज मिश्रा ने की। उन्होंने बताया कि विसर्जन व्यवस्था में कई गड़बड़ियां थी, जहां कृत्रिम कुंड और तालाब बनाए गए थे। उन्हें , जिन्हें समितियों ने स्वीकार नहीं किया। कहा कि पूर्व में गंगा में ही प्रतिमाओं का विसर्जन होता था और हम चाहते हैं कि एक बार की डुबकी के बाद मिट्टी की मूर्तियों को निकाल लिया जाए, न कि प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का विसर्जन किया जाए। बैठक में यह तय हुआ कि इस वर्ष प्रतिमा विसर्जन पारंपरिक स्थल पर ही होगा और पंडालों में ब्लैकआउट नहीं किया जाएगा। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि अगले वर्ष से प्रतिमा विसर्जन माननीय न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों के अनुरूप ही किया जाएगा।
अधिकारियों ने पूजा समितियों को आश्वासन दिया कि उनकी बात सरकार तक पहुंचाई जाएगी। इस बार परंपरा और धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए पुरानी व्यवस्था लागू रहेगी, लेकिन आने वाले वर्षों में पर्यावरण संरक्षण और न्यायालयीय निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा। दरअसल, गंगा में प्रतिमा विसर्जन के लिए केंद्रीय पूजा समिति के आह्वान पर एक घंटे का ब्लैक आउट करने का आह्वान किया था। कहा था कि कारखानों का नाला, बकरीद में गन्दगी सब गंगाजी में प्रवाहित हो रहे हैं तो सिर्फ मां की मूर्ती से ही गंदगी हो रही है। ऐसे में हम विरोध के साथ हैं। पूजा समितियों ने पिछले साल की तरह से ही विसर्जन करने की बात कही है। चेतावनी दी थी कि अगर प्रशासन ने जबरदस्ती की तो हम प्रतिमाओं पर गंगाजल डालकर वहीं छोड़ देंगे। केंद्रीय पूजा समिति ने गंगा में विसर्जन के लिए हस्ताक्षर अभियान के साथ 29 सितंबर यानी सप्तमी के दिन को सभी पंडालों की लाइट बुझाकर एक घंटे का ब्लैक आउट करने का निर्णय था।
बैठक के बाद पूजा समितियों ने पिछले साल की तरह से ही विसर्जन करने की बात कही। चेतावनी दी थी कि अगर प्रशासन ने जबरदस्ती की तो हम प्रतिमाओं पर गंगाजल डालकर वहीं छोड़ देंगे। केंद्रीय पूजा समिति ने गंगा में विसर्जन के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया था। कहा था कि 29 सितंबर को सभी पंडालों की लाइट बुझाकर एक घंटे का ब्लैक आउट किया जाएगा। लेकिन पिछले साल की तहर परम्परिक स्थल पर ही विसर्जन करने का निर्णय हुआ है। हालांकि प्रतिमा विसर्जन उनकी मांग के अनुरूप गंगा में नही होगा, लेकिन समिति पिछले साल यानी कुंड और तालाबों में विसर्जन करने की बात मान ली। नया आश्वासन दिया गया कि हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया जायेगा। अगले साल हाईकोर्ट और एनजीटी के आदेश के अनुसार विसर्जन करेंगे।