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वाराणसी : सिंदूर खेला के बाद देवनाथपुरा की चर्चित मां काली प्रतिमा का धूमधाम से विसर्जन

गोदौलिया, चौक, बुलानाला होते हुए पहुंची मैदागिन, मंदाकिनी कुंड में हुआ विसर्जन

 

काशी के संवेदनशील क्षेत्र में स्थापित होती हैं प्रतिमा, विसर्जन के दौरान बरती गई विशेष सतर्कता

वाराणसी, भदैनी मिरर। देवनाथपुरा में नवसंघ परिवार द्वारा स्थापित मां काली की प्रतिमा का धूमधाम से शुकवार को विसर्जन हुआ। विसर्जन से पहले ’सिंदूर खेला’ की रस्म निभाई गई और शाम को ’डमरू दल’ और ढोल-नगाड़ों के बीच एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जो देवनाथपुरा से निकलकर गोदौलिया, मैदागिन होते हुए कंपनी बाग के मंदाकिनी कुंड तक पहुंची। यह विसर्जन यात्रा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुई। नवसंघ सांस्कृतिक समिति द्वारा स्थापित मां काली की प्रतिमा विसर्जन जुलूस में समिति के सदस्यों और भक्तों की उपस्थिति रही। शोभायात्रा शोभायात्रा गोदौलिया, चौक, बुलानाला होते हुए मैदागिन चौराहा स्थित मन्दाकिनी कुण्ड पहुंची। वहीं वैदिक मंत्रोच्चार और जयकारों के साथ मां काली की प्रतिमा का विधि-विधानपूर्वक विसर्जन किया गया।

पूजा पंडाल में सिंदूर खेला के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर और गुलाल लगाकर देवी को विदाई दी, और ढाक-ढोल के साथ प्रतिमा को मदनपुरा सड़क की ओर ले जाया गया। विसर्जन यात्रा के दौरान भक्तों की उमड़ी भीड़, ढोल-नगाड़ों की गूंज और भक्तिरस में डूबे श्रद्धालुओं ने मां काली के जयघोष लगाए। यात्रा के दौरान प्रतिमा पंडाल से लगायत विसर्जन स्थल मंदाकिनी कुंड तक चप्पे-चप्पे पर फोर्स की तैनाती रही। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी शोभायात्रा के साथ चल रहे थे।

काशी की यह काली प्रतिमा विसर्जन संवेदनशील मानी जाती है। पूर्व में इस प्रतिमा विसर्जन के दौरान कई बार साम्प्रदायिक तनाव की स्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं और कर्फ्यू तक लगाना पड़ा है। इसलिए पुलिस प्रशासन की सूची में देवनाथपुरा में काली प्रतिमा स्थापना से लेकर विसर्जन तक विशेष सतर्कता बरती जाती है। समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भक्तिभाव और सामाजिक समरसता के साथ यह आयोजन किया गया। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को सहयोग एवं सहभागिता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।