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आमजन नहीं देख पाएंगे बरेका में 100 साल पुराना रावण दहन, सुबह 10 बजे से बंद हो जाएंगे सभी गेट

सुरक्षा कारणों से जिला व बरेका प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध, इस बार सात हजार पास जारी; केवल पासधारी और रेलकर्मी ही पा सकेंगे प्रवेश

 
वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में होने वाला ऐतिहासिक रावण दहन इस बार आमजन के लिए नहीं होगा। सुरक्षा कारणों को देखते हुए जिला और बरेका प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। आदेश के अनुसार, 2 अक्तूबर (विजयदशमी) को सुबह 10 बजे से लेकर रावण दहन तक बरेका के सभी प्रवेश द्वार बंद रहेंगे। इस दौरान आम जनता को किसी भी तरह का प्रवेश नहीं मिलेगा।
बरेका के जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने जानकारी दी कि विजयदशमी के दिन बरेका में हर साल भारी भीड़ उमड़ती है। इस बार सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। ककरमत्ता मुख्य गेट, एफसीआई गेट, नाबूपुर गेट, पहाड़ी गेट और कंट्या गेट समेत सभी प्रवेश द्वार पर सुबह 10 बजे से रोक लागू रहेगी।
रेल कर्मचारियों को उनकी पहचान पत्र दिखाने पर प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जबकि बाहरी लोगों को केवल विशेष पास दिखाने पर ही इंट्री मिलेगी।
इस बार जारी किए गए सात हजार पास
हर साल औसतन चार हजार पास जारी किए जाते थे, लेकिन इस बार संख्या बढ़ाकर सात हजार कर दी गई है। विजयादशमी समिति के अध्यक्ष रामजन्म चौबे ने बताया कि रावण दहन के दिन केंद्रीय खेल मैदान में बरेका परिसर और आसपास से एक लाख से अधिक लोग जुटते हैं। भीड़ पर नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पास सिस्टम को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
शहरवासी नहीं देख पाएंगे परंपरागत आयोजन
करीब 100 साल पुराना यह रावण दहन वाराणसी की सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है। लेकिन प्रशासनिक आदेश के चलते इस बार शहरवासी सीधे इस भव्य आयोजन को नहीं देख पाएंगे। केवल रेलकर्मी और पासधारी लोग ही इसकी झलक पा सकेंगे।