BHU शोध छात्रा की मौत पर छात्रों का आक्रोश, चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय का घेराव, सुरक्षा कर्मियों से तीखी नोकझोंक
नाजुक भसीन की संदिग्ध मौत के विरोध में BHU छात्रों ने किया प्रदर्शन
अधिवक्ता व छात्र नेता धरने पर बैठे
चिकित्सा सेवाओं में सुधार को लेकर 8 सूत्रीय मांगें सौंपीं
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) की पर्यावरण एवं सतत विज्ञान संस्थान (IESD) की शोध छात्रा नाजुक भसीन की मौत के बाद परिसर में छात्र आक्रोशित हो गए हैं। सोमवार 14 जुलाई को BHU के छात्र-छात्राओं ने चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय का घेराव करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
छात्रों की मांग थी कि छात्रा की मृत्यु के कारणों को सार्वजनिक किया जाए और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाए। प्रदर्शन के दौरान छात्रों और सुरक्षा कर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।
धरने की अगुवाई कर रहे छात्र नेता शिवांश सिंह और अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी अपने समर्थकों के साथ चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन से शोध छात्रा की हेल्थ डायरी और इलाज की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की।
सौंपा 8 सूत्रीय ज्ञापन
सूचना मिलने पर लंका थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, पर बात नहीं बनी। इसके बाद चिकित्सा अधीक्षक खुद प्रदर्शन स्थल पर आए और छात्रों से मुलाकात की। छात्रों ने उन्हें 8 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा और जवाबदेही तय करने की मांग की।
छात्रों की यह 8 सूत्रीय मांगें
1. नाजुक भसीन की मौत की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई।
2. छात्र स्वास्थ्य सेवा संकुल में अल्ट्रासाउंड, खून संग्रह और इमरजेंसी रात्रि 8 बजे तक उपलब्ध कराई जाए।
3. छात्रों एवं कर्मचारियों को ओपीडी में वरीयता और हेल्थ डायरी की बाध्यता समाप्त हो।
4. ICU में छात्रों और कर्मचारियों के लिए 2 बेड आरक्षित हों।
5. डॉक्टरों का निजी प्रैक्टिस तत्काल बंद किया जाए।
6. ICU और वार्डों में सीनियर डॉक्टरों की उपस्थिति और जिम्मेदारी तय की जाए।
7. अस्पताल में दलालों की एंट्री प्रतिबंधित हो।
8. इमरजेंसी सेवा की जटिलताओं को समाप्त किया जाए:
*मरीजों को सही विभाग तक पहुंचाने के लिए गाइड/वालंटियर की व्यवस्था
* इलाज प्राथमिकता, कागजी कार्रवाई बाद में
प्रदर्शन में शिवांश सिंह, अधिवक्ता संतोष कुमार त्रिपाठी, कृष्णा सिंह, प्रभाकर, पुनीत, निलेश, आर्यन, रितिक सहित सैकड़ों छात्र शामिल रहे।