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खरमास शुरू, एक माह तक नहीं बजेगी शहनाई, मांगलिक कार्य पर लगा विराम

 

वाराणसी। सूर्य संक्रांति के आगमन के साथ ही मांगलिक कार्यों पर एक माह का विराम लग गया है। होलाष्टक समाप्त होने के बावजूद विवाह के शुभ मुहूर्त नहीं मिलेंगे। जैसे ही सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, मीन संक्रांति और खरमास की शुरुआत हो जाती है। इस वर्ष यह अवधि 13 अप्रैल तक जारी रहेगी, जिसके दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों पर रोक रहेगी।  

14 मार्च से शुरू हुआ खरमास, 13 अप्रैल को होगा समापन
 
मीन संक्रांति की शुरुआत 14 मार्च को होलाष्टक की समाप्ति के बाद हुई। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा, जिसके बाद 14 अप्रैल से फिर से शुभ कार्यों की शुरुआत होगी।  

खरमास में कमजोर होते हैं सूर्य और गुरु

ज्योतिषाचार्य पं. विमल जैन के अनुसार, जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है, तो सूर्य और गुरु दोनों ग्रह कमजोर हो जाते हैं। यही कारण है कि इस दौरान विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं निकलते। हालांकि, धार्मिक अनुष्ठानों, पूजन, मंत्र जाप और सूर्य उपासना के लिए यह समय विशेष फलदायी माना जाता है।  

खरमास में पूजा-पाठ और दान का विशेष महत्व
  
इस अवधि में भगवान सूर्य और विष्णु की उपासना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ, विष्णु सहस्रनाम का जाप और गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य मिलता है। साथ ही, इस दौरान दान-पुण्य करने की परंपरा भी लाभकारी मानी जाती है।