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संकटमोचन मंदिर महंत के घर चोरी कांड: मुख्य आरोपी जितेंद्र सिंह को कोर्ट से जमानत, करोड़ों की बरामदगी के बावजूद राहत

बिहार निवासी आरोपी जितेंद्र सिंह उर्फ गोलू को पॉक्सो विशेष न्यायालय से मिली जमानत, चोरी हुए आभूषण और नगदी की बड़ी बरामदगी के बावजूद मिली राहत

 

वाराणसी,भदैनी मिरर। प्रसिद्ध संकट मोचन मंदिर के महंत विश्वंभर नाथ मिश्र के घर से करोड़ों की नगदी और जेवरात चोरी के मामले में एक बड़ा मोड़ आया है। मुख्य आरोपी और महंत जी का पूर्व कर्मचारी जितेंद्र सिंह उर्फ गोलू (निवासी चैनपुर, बिहार) को कोर्ट से जमानत मिल गई है।

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट द्वितीय) नितिन पाण्डेय की अदालत ने आरोपी को दो-दो लाख रुपये की दो जमानतें एवं बंधपत्र पर रिहा करने का आदेश पारित किया।


चोरी की वारदात का खुलासा ऐसे हुआ

अभियोजन पक्ष के अनुसार, 19 मई 2025 को महंत जी के जनसंपर्क अधिकारी ने भेलूपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि महंत जी की अनुपस्थिति में जब वह एयरपोर्ट गए हुए थे, तभी तुलसी घाट स्थित आवास में चोरी की घटना घटी।

महंत जी की पत्नी आभा मिश्रा को फोन से एक कर्मचारी सूरज मिश्रा ने सूचना दी कि घर का प्रथम तल स्थित कमरा खुला है। वापस आने पर उन्होंने देखा कि कमरे की कुंडी टूटी थी और आलमारी से नगद व जेवरात गायब थे।


प्राथमिक जांच में सामने आया कि चोरी की इस वारदात को महंत जी का पूर्व कर्मचारी जितेंद्र सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया। पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर रामनगर क्षेत्र स्थित जंगल में मुठभेड़ के बाद जितेंद्र सिंह समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

क्या-क्या बरामद हुआ?

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आरोपियों के पास से निम्नलिखित सामग्री बरामद की:

  1.  चार सोने की चूड़ियाँ
  2. दो सोने का कड़ा
  3. चार गोल्ड चेन
  4. नवरत्न कड़ा
  5. डायमंड सेट
  6. डायमंड ब्रेसलेट
  7. पन्ना, मानिक, पर्ल सेट
  8. तीन लाख रुपये नगद

कुल मिलाकर करोड़ों की कीमत के आभूषण और नगदी

मामले की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, नितेश सिंह और संदीप यादव ने पक्ष रखा। उन्होंने आरोपी के पक्ष में राहत की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए जमानत दे दी।
हालाँकि अभियोजन पक्ष द्वारा अपराध की गंभीरता और बरामद संपत्ति को देखते हुए विरोध किया गया, पर अदालत ने जमानत याचिका मंजूर कर दी।