सपा विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव और भाई अनिल यादव हमले के आरोप से बरी, कोर्ट ने लोअर कोर्ट का आदेश निरस्त किया
विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) ने FIR में देरी और साक्ष्यों की कमी के आधार पर सुनाया फैसला
वाराणसी, भदैनी मिरर। समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव और उनके भाई अनिल यादव को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। तत्कालीन सकलडीहा विधायक सुशील सिंह पर हमले, तोड़फोड़ और रास्ता अवरोध करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अशोक कुमार की अदालत ने दोनों को दोषमुक्त कर दिया है।
यह मामला 24 अक्टूबर 2015 का है, जब वादी और तत्कालीन विधायक सुशील सिंह ने आरोप लगाया था कि प्रभु नारायण सिंह यादव, उनके भाई और समर्थकों ने महड़ौरा-भूपौली-चहनियां रोड पर गाड़ियां खड़ी कर रास्ता अवरुद्ध किया, गाली-गलौज और विवाद किया, और तीन घंटे तक उनका रास्ता रोके रखा।
लोअर कोर्ट ने 24 मई 2023 को सपा विधायक और उनके भाई को दोषी करार दिया था। लेकिन रिवीजन याचिका पर सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश ने पाया कि FIR घटना के 21 घंटे बाद दर्ज की गई थी, और विवेचना के दौरान आसपास के लोगों के बयान दर्ज नहीं किए गए, जिससे घटना संदिग्ध प्रतीत होती है। इसी आधार पर लोअर कोर्ट का आदेश निरस्त कर दोनों को दोषमुक्त कर दिया गया।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव 'गुड्डू', संदीप कुमार यादव और संदीप यादव ने पैरवी की। फैसले के बाद दीवानी न्यायालय परिसर में विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव ने प्रेस वार्ता कर इसे न्याय की जीत बताया।