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सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर वाराणसी में ‘रन फॉर यूनिटी’: 5 हजार से अधिक छात्रों की भागीदारी

हरहुआ ब्लॉक में आयर बाजार से बेलवरिया तक भव्य मैराथन, देशभक्ति के नारों से गूंजा क्षेत्र—युवाओं व ग्रामीणों ने दिखाया राष्ट्रीय एकता का संदेश
 

 

रिपोर्ट- वीरेंद्र पटेल 

वाराणसी, भदैनी मिरर। लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर वाराणसी के हरहुआ ब्लॉक में राष्ट्रीय एकता का अभूतपूर्व नज़ारा देखने को मिला। ‘रन फॉर यूनिटी’ के रूप में आयोजित इस मैराथन ने न केवल युवा शक्ति का उत्साह प्रदर्शित किया, बल्कि देशभक्ति और अखंड भारत के संकल्प को नई ऊर्जा दी।

विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में आयोजित यह ऐतिहासिक दौड़ आयर बाजार से बेलवरिया ब्लॉक मुख्यालय तक निकाली गई। इसमें आयर निकेत इंटर कॉलेज, केंद्रीय विद्यालय समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के 5 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

पदयात्रा से शुरुआत और श्रद्धांजलि तक सफर

कार्यक्रम की शुरुआत एक विशाल पदयात्रा से हुई। तिरंगे झंडे लहराते हुए, “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों से पूरा मार्ग गूँज उठा। बेलवरिया ब्लॉक पहुँचने पर सभी प्रतिभागियों ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

मुख्य अतिथियों ने दिया एकता का संदेश

मुख्य अतिथि विधायक त्रिभुवन राम ने कहा- “सरदार पटेल ने 562 रियासतों को जोड़कर भारत को अखंड बनाया। आज की यह दौड़ उसी एकता का प्रतीक है।” किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष राम प्रकाश सिंह ने युवाओं से राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। पूर्व जिला अध्यक्ष नागेंद्र रघुवंशी और जिला उपाध्यक्ष अखंड सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। भाजपा कार्यकर्ताओं, पंचायत प्रतिनिधियों, शिक्षकों और हजारों ग्रामीणों ने भी कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्थाओं की खास तैयारी

प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए एम्बुलेंस और मेडिकल टीम, पानी की टंकियों की व्यवस्था, स्वयंसेवकों की बड़ी टीम, दौड़ मार्ग पर स्वच्छता अभियान का पूर्ण व्यवस्था किया। प्रतिभागियों ने प्लास्टिक मुक्त भारत का संकल्प भी लिया।

ग्रामीणों ने बताया “ऐतिहासिक आयोजन”

हरहुआ ब्लॉक के बुजुर्गों ने इसे क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा और प्रेरक कार्यक्रम बताया। एक बुजुर्ग ने कहा-“ऐसा आयोजन पहली बार देखा, बच्चे-बड़े सभी एक साथ दौड़े—यह दृश्य हमेशा याद रहेगा।”
यह कार्यक्रम मात्र एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत करने वाली प्रेरणादायक पहल बनकर सामने आया।