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राणा सांगा प्रकरण : अब करणी सेना आई सामने, बनारसवाले मिश्राजी पर दर्ज हुआ तीसरा मुकदमा

शनिवार को हुआ था हरीश मिश्रा पर हमला, दो आरोपितों की हुई थी पिटाई

 

पुलिस बनारसवाले मिश्राजी को गंभीर धाराओं में भेज चुकी है जेल

राणा सांगा, सपा सांसद रामजीलाल सुमन और करणी सेना प्रकरण में आया एक और नया मोड़ 

वाराणसी भदैनी मिरर। राणा सांगा, सपा सांसद रामजीलाल सुमन और करनी सेना प्रकरण में मंगलवार को एक और नया मोड़ आ गया। इस प्रकरण से अपने को दूर बतानेवाली करणी सेना मानहानि के मुकदमे के बहाने आखिरकार सामने आ ही गई. सिगरा थाने में भेलूपुर थाना क्षेत्र के दुर्गाकुंड निवासी और करणी सेना के सक्रिय सदस्य कुश सिंह ने सपा नेता और बनारसवाले मिश्राजी के नाम से चचित हरीश मिश्रा के खिलाफ थाने में मानहानि समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया है। बनारसवाले मिश्राजी पर इस मामले में यह तीसरा मुकदमा है जिसमें कई गंभीर धाराएं हैं। आपको बता दें कि अभी एक दिन पहले सोमवार को कबीरचौरा अस्पताल से इलाज कराकर निकले हरीश मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हरीश मिश्रा पर पिछले शनिवार को काशी विद्यापीठ के समीप उनके आवास के बाहर हमला हुआ था। इसके बाद से यूपी की सियासत में यह मुद्दा गरमाया हुआ है।

मिश्राजी पर तीसरा मुकदमा, क्या था मामला

दअरसल राणा सांगा पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान के बाद करणी सेना ने आगरा में बड़े प्रदर्शन का एलान 12 तारीख को किया था। राम जी लाल सुमन के समर्थन में सपा नेता हरीश मिश्रा ने करणी सेना को चुनौती देते हुए कुकर्मी सेना कह दिया था और करणी सेना की आराध्य मां करणी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। इसी से नाराज होकर कथित रूप से करणी सेना के सदस्य सिगरा थाना क्षेत्र स्थित हरीश मिश्रा के घर पहुंचे थे। इसके बाद मारपीट की घटना हुई। इस घटना में हरीश मिश्रा को चोटें आईं और मौके से पकड़े गये अविनाश मिश्रा और स्वास्तिक उपाध्याय की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी थी। मामले में अविनाश मिश्रा ने हरीश के खिलाफ और हरीश ने अविनाश, स्वास्तिक और अज्ञात के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. मारपीट की घटना के बाद कार्रवाई की मांग को लेकर सपा समर्थकों ने सिगरा थाने के सामने हंगामा और चक्काजाम किया था। इस पर काशी विद्यापीठ चौकी प्रभारी विकल शांडिल्य ने हरीश मिश्रा और उनके समर्थकों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा कराया है। इसके साथ ही बनारसवाले मिश्राजी के खिलाफ अविनाश मिश्रा, चौकी प्रभारी के अलावा करणी सेना के कुश सिंह ने तीसरा मुकदमा दर्ज कराया है।

हरीश का रहा कई पार्टियों से नाता

सोशल मीडिया पर बनारस वाले मिश्राजी के नाम से चर्चित हरीश मिश्रा कई दलों में रह चुके हैं। काशी विद्यापीठ में भगत सिंह युवा मोर्चा नामक संगठन से राजनीति शुरू करने के बाद हरीश मिश्रा ने कांग्रेस सेवा दल ज्वाइन किया। आपसी गुटबाजी के बाद पार्टी से हरीश मिश्रा को निकाल दिया गया। इसके बाद हरीश मिश्रा ने शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का दामन थामा। फिर जब शिवपाल ने पार्टी को वापस सपा में मर्ज कर दिया तो हरीश मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी ज्वाइन की और 2022 में कैंट विधान सभा से चुनाव लड़ा। हरीश मिश्रा सोशल मीडिया पर योगी और मोदी के अलावा रामभद्राचार्य, रामदेव समेत कई बड़े लोगों के खिलाफ आपत्तिजन बयानों की वजह चर्चा में रहे। सोशल मीडिया पर उनके चर्चा में बने रहने के कारण सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कुछ दिनों पूर्व हरीश मिश्रा को सपा की सदस्यता दिलाई थी।

सपा मुखिया ने योगी सरकार पर साधा था निशाना 
 
हरीश मिश्रा पर हमले की घटना के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर घटना की निंदा करते हुए योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव रविवार को वाराणसी स्थित सर्किट हाउस घटना की जानकारी ली थी। उन्होंने अपर पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश कुमार सिंह को सर्किट हाउस बुलाकर मामले पर चर्चा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष हरीश मिश्रा को देखने और उनका हाल जानने मंडलीय अस्पताल भी गये थे।  

सियासी हो चुका है मामला

हरीश मिश्रा के साथ मारपीट की घटना के बाद बनारसवाले मिश्राजी ने करनी सेना पर सुनियोजित ढंग से जानलेवा हमले का आरोप लगाया था. इसके बाद करणी सेना की ओर से बयान जारी किया गया कि हरीश पर हमले के आरोपितों से पार्टी का सम्बंध नही है। पुलिस की ओर से भी कहा गया कि हरीश पर हमला करनेवाले किसी भी राजनीतिक संगठन या करणी सेना से नहीं जुड़े हैं। यह मामला व्यक्तिगत विवाद का है, लेकिन इसे जानबूझकर राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। लेकिन करणी सेना और मां करणी पर आपत्तिजनक बयान पर नाराजगी और उस सिलसिले में पूछताछ के बाद ही घटना का पुलिस ने अविनाश की ओर से दर्ज एफआईआर में जिक्र किया है। अब करणी सेना सदस्य कुश सिंह के भी एफआईआर में अविनाश और स्वास्तिक पर हमले का जिक्र है। ऐसे में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान के बाद करणी सेना का हमला, प्रदर्शन, उसी प्रकरण में सपा नेताओं का बयान समेत इन तमाम प्रकरणों को देखने के बाद भी पुलिस इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास बता रही थी। जबकि अब यह मामला लगभग साफ हो चुका है कि मामला सियासी हो चुका है।