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ऑनलाइन ठगी करनेवाले गिरोह का सदस्य प्रदीप राय भेलूपुर पुलिस के हत्थे चढ़ा 

ककरमत्ता का रहनेवाला है प्रदीप, गिरोह अबतक लोगों को लगा चुका है लाखों का चूना

 

संगठित गिरोह कर रहा था काम, पुलिस कर रही अन्य सदस्यों की तलाश

वाराणसी, भदैनी मिरर। भेलूपुर थाने की पुलिस ने मंगलवार को व्यापार के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले जालसाज गिरोह के सदस्य प्रदीप राय को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि उसका संगठित गिरोह है और यह गिरोह अबतक लोगों को लाखों का चूना लगा चुका है। पुलिस प्रदीप रायसे पूछताछ के बाद उसके गिरोह के लोगों की तलाश कर रही है। 

पुलिस को ऑनलाइन ठगी के शिकार लोगों ने शिकायत की थी। जांच के दौरान प्रतिबिंब (PRATIBIMB) पोर्टल पर ऑनलाइन व्यापार के नाम पर ठगी से संबंधित जानकारी प्राप्त हुई। साइबर टीम ने तकनीकी विश्लेषण, डिजिटल साक्ष्य संकलन, पोर्टलों (NCRP एवं प्रतिबिंब) की रिपोर्ट का अध्ययन किया और टेलीकॉम एवं बैंक सेवा प्रदाताओं से संपर्क स्थापित कर आरोपित की पहचान की। पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्य स्वयं को वैध ट्रेडिंग कंपनी का प्रतिनिधि बताकर सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप के माध्यम से छोटे एवं नए व्यापारियों से संपर्क करते थे। ये लोग फर्जी कंपनी प्रोफाइल, जीएसटी विवरण और ट्रांसपोर्ट रसीदें भेजकर विश्वास अर्जित करते थे। शुरू में “सैंपल मटेरियल का झांसा देकर विश्वास जीतते और उसके बाद बड़े ऑर्डर की रकम ले कर गायब हो जाते थे। अपराधी समूह अन्य व्यक्तियों के बैंक खातों का उपयोग कर पैर्सों के लेन-देन की परतें बनाता था ताकि पहचान छिपी रहे।

जांच में संदेहास्पद बैंक खाते से जुड़ी 19 साइबर शिकायतें सामने आई, जो विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से संबंधित हैं। इन शिकायतों में लगभग 12,00,000 (बारह लाख रुपए) से अधिक की ठगी किए जाने की पुष्टि हुई है। एक प्रमुख शिकायत में 1,21,450 की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया, जिसमें व्यापारिक लेन-देन और फर्जी बिल्टी के माध्यम से धन हड़पा गया। जालसाज को गिरफ्तार करनेवाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार त्रिपाठी, साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक मनोज तिवारी, एसआई हिमांशु त्रिपाठी, विनय कुमार यादव, मुख्य आरक्षी दिवाकर वत्स रहे। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम ने जनता से अपील है कि किसी भी ऑनलाइन खरीद-बिक्री, निवेश या लेन-देन से पूर्व व्यापारी की वैधता की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना www.cybercrime.gov.in पर दें।