छात्रा प्राची सिंह मौत प्रकरण: एनएसयूआई ने बीएचयू प्रशासन को घेरा, नाजुक भसीन मामले की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की माँग
छात्रा प्राची सिंह की मौत पर विश्वविद्यालय की आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था पर उठे सवाल - एनएसयूआई ने 7 दिन में रिपोर्ट पेश करने और महिला सुरक्षा बढ़ाने की माँग की
Updated: Oct 10, 2025, 14:33 IST
वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एम.एम.वी. की छात्रा प्राची सिंह की मौत के बाद परिसर में छात्रों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) बीएचयू इकाई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर गंभीर सवाल उठाए हैं। संगठन ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय और चिकित्सकीय लापरवाही के कारण छात्रा की जान गई है, और यह घटना बीएचयू की स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती है।
एनएसयूआई बीएचयू इकाई ने अपने ज्ञापन में लिखा है कि -“एम.एम.वी. परिसर में प्राची सिंह की तबीयत बिगड़ने के बाद भी करीब 30 मिनट तक एम्बुलेंस नहीं पहुँची। यह विश्वविद्यालय की आपातकालीन चिकित्सा प्रणाली की विफलता और प्रशासनिक उदासीनता का प्रतीक है।”
संगठन ने अपने पत्र में यह भी याद दिलाया कि इससे पहले छात्रा नाजुक भसीन की मौत के मामले में भी विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी, लेकिन उस प्रकरण में गठित जाँच समिति की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं की गई और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी पर ठोस कार्रवाई हुई।
एनएसयूआई की प्रमुख माँगें:
- नाजुक भसीन प्रकरण की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो।
- प्राची सिंह की मौत पर उच्चस्तरीय जाँच समिति गठित की जाए, जिसमें एम.एम.वी. के अलावा अन्य विभागों के शिक्षक, परिवार के सदस्य और छात्राओं को शामिल किया जाए।
- एम.एम.वी. परिसर में 24 घंटे महिला गार्ड, नर्सिंग स्टाफ और मेडिकल कर्मी तैनात किए जाएं।
- छात्राओं की शिकायतों पर डराने-धमकाने या उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई हो।
एनएसयूआई ने कहा कि यह केवल एक छात्रा की नहीं बल्कि हर छात्रा की सुरक्षा और सम्मान का सवाल है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने 7 दिन के भीतर ठोस कदम नहीं उठाए, तो वह विश्वविद्यालय स्तर पर लोकतांत्रिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
एनएसयूआई बीएचयू इकाई ने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षा के साथ-साथ संवेदनशीलता और सुरक्षा का भी केंद्र बनाना होगा। प्राची सिंह की मौत से यह स्पष्ट है कि बीएचयू की स्वास्थ्य प्रणाली को तत्काल सुधारने की आवश्यकता है।
11 जुलाई को हुई थी मौत
बता दें, बीएचयू के न्यू पीएचडी गर्ल्स हॉस्टल में रहने वाली सीनियर रिसर्च फेलो नाजुक भसीन की 11 जुलाई की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। जम्मू-कश्मीर की रहने वाली नाजुक पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान में शहरी इकोलॉजी पर पीएचडी कर रही थीं। बताया गया था कि रात में भोजन के बाद उन्हें उल्टियां हुईं, हालत बिगड़ने पर साथियों और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की मदद से अस्पताल ले जाया गया, जहां रात 2:16 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया।