BHU सर सुंदरलाल अस्पताल में OPD पर्चा शुल्क वृद्धि के खिलाफ NSUI का ज्ञापन, कुलपति से की पुनर्विचार की मांग
पर्चा शुल्क ₹50 किए जाने पर NSUI ने जताई नाराज़गी, कहा—गरीब मरीजों पर बढ़ रहा आर्थिक बोझ, AIIMS मॉडल जैसी नीति लागू करने की मांग
वाराणसी , भदैनी मिरर। BHU सर सुंदरलाल अस्पताल में OPD पर्चा शुल्क को ₹20 से बढ़ाकर ₹50 किए जाने के विरोध में NSUI – BHU इकाई ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कुलपति को ज्ञापन सौंपा। छात्र संगठन ने कहा कि यह बढ़ोतरी गरीब, ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों और छात्रों पर सीधे-सीधे आर्थिक बोझ डालती है और BHU की सामाजिक जिम्मेदारी के विपरीत है।
NSUI ने शुल्क वृद्धि को बताया अमानवीय
ज्ञापन में कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में पर्चा शुल्क लगातार बढ़ाया गया है-पहले ₹1–3 की दर से शुरू होकर ₹5, फिर ₹20 और अब एक झटके में ₹50। छात्र संगठन का कहना है कि यह वृद्धि 20 नवंबर 2025 से लागू की गई, जिसके बाद OPD में आने वाले कमजोर आर्थिक वर्ग के मरीजों पर दबाव बढ़ गया है।
पर्चा बुकलेट 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष, पर NSUI ने उठाए सवाल
BHU प्रशासन ने पुराने पर्चे की वैधता जहां 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष की, वहीं उसका स्वरूप भी बदलकर 28 पेज की विस्तृत बुकलेट कर दिया। प्रशासन इसे “बेहतर रिकॉर्डिंग का प्रयास” बता रहा है, लेकिन NSUI ने आशंका जताई कि यह कदम लाभ कमाने की दिशा में उठाया गया कदम न हो।
AIIMS मॉडल का उदाहरण
ज्ञापन में NSUI ने AIIMS दिल्ली का उल्लेख करते हुए बताया कि वहाँ OPD पर्चा शुल्क को नवंबर 2022 से माफ कर दिया गया है। इसके साथ ही ₹300 तक की जांच शुल्क भी माफ किया गया है। छात्र संगठन का कहना है कि BHU जैसे सार्वजनिक संस्थान को भी इसी तरह की जनहितकारी नीति अपनानी चाहिए।
NSUI की प्रमुख मांगें
- OPD पर्चा शुल्क ₹50 की समीक्षा की जाए और इसे कम किया जाए।
- AIIMS जैसी सस्ती और न्यायसंगत दर नीति लागू की जाए।
- छात्रों और मरीज हितधारकों के साथ पब्लिक फोरम बैठकें आयोजित की जाएँ।
- 28 पेज की बुकलेट के उपयोग, लागत और प्रभाव पर पारदर्शी रिपोर्ट जारी की जाए।
- भविष्य में किसी भी शुल्क वृद्धि से पहले छात्र संगठनों और हितधारकों से परामर्श लिया जाए।
NSUI–BHU इकाई ने ज्ञापन में कुलपति से औपचारिक मुलाकात का समय देने का भी अनुरोध किया है, ताकि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा कर समाधान खोजा जा सके।