संकट में हाथ थामने वाले NDRF के वीर कार्मिक सम्मानित, DIG बोले-चुनौतियों से निपटने को शारीरिक-मानसिक रूप से मजबूत बनें
वाराणसी मुख्यालय में सैनिक सम्मेलन आयोजित, लखनऊ–गोरखपुर–भोपाल के बचाव कार्मिक वर्चुअली जुड़े; साहसिक बचाव कार्य व खेल उपलब्धियों पर किया सम्मानित
वाराणसी। 11वीं वाहिनी, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) वाराणसी मुख्यालय में गुरुवार को एक सैनिक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपमहानिरीक्षक (DIG) मनोज कुमार शर्मा ने की। सम्मेलन में वाहिनी मुख्यालय वाराणसी में तैनात अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों एवं बचाव दल ने भाग लिया, जबकि लखनऊ, गोरखपुर और भोपाल के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्रों में तैनात कार्मिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
DIG ने सम्मेलन के दौरान कार्मिकों के साथ विस्तृत संवाद स्थापित कर उनकी व्यक्तिगत और व्यावसायिक चुनौतियों को जाना। उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।
फिटनेस, प्रशिक्षण और आधुनिक कौशल पर जोर
अपने संबोधन में DIG ने कहा कि आपदा प्रबंधन क्षेत्र लगातार तकनीकी और परिस्थितिजन्य चुनौतियों से गुजर रहा है, ऐसे में NDRF कार्मिकों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत रहना होगा। उन्होंने कहा-“सभी कार्मिक नियमित शारीरिक अभ्यास के साथ आधुनिक एवं पेशेवर आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी क्षमताओं में वृद्धि करें।”
DIG ने आपदा प्रबंधन में समयबद्ध कार्रवाई, समन्वय, तकनीकी दक्षता और नेतृत्व क्षमता के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
वीर बचाव कार्मिकों को सम्मान
सम्मेलन में उन वीर बचाव कार्मिकों को DG Disc एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिन्होंने विभिन्न आपदाओं के दौरान अत्यंत साहस, कर्तव्यनिष्ठा और जोखिम भरी परिस्थितियों में जान बचाने के लिए असाधारण कार्य किया।
इसके साथ ही खेलकूद और शारीरिक दक्षता में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर विभाग तथा देश का नाम रोशन करने वाले कार्मिकों को भी सम्मानित किया गया। सम्मेलन के दौरान अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि यह सम्मान केवल गौरव नहीं, बल्कि आने वाले अभियानों में बेहतर प्रदर्शन की प्रेरणा भी बनेगा।
लक्ष्य—आपदा में और मजबूत प्रतिक्रिया क्षमता
NDRF की वाराणसी इकाई देशभर में आपदा राहत अभियानों के दौरान निर्णायक भूमिका निभाती रही है। विशेषज्ञता, तीव्र प्रतिक्रिया और उच्च तकनीकी प्रशिक्षण के कारण बल को घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिली है।
सम्मेलन का समापन भावनात्मक धन्यवाद ज्ञापन और मनोबल बढ़ाने वाले संदेशों के साथ किया गया।