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ला नीना का असर: दिसंबर में रिकॉर्ड ठंड से कांपेगा बनारस, तापमान पहली बार 11.3 डिग्री पर पहुंचा

धुंध–गलन बढ़ी, दिन का तापमान भी सीजन में सबसे कम; प्रशांत महासागर की ठंडी हवाओं और हिमालयी बर्फबारी से ठिठुर रहा वाराणसी

 
वाराणसी। दिसंबर की शुरुआत के साथ ही काशी में ठंड ने रेकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रशांत महासागर की ठंडी जलधारा ला नीना और हिमालय की ओर बर्फबारी बढ़ने के कारण इस बार बनारस हर साल से ज्यादा ठिठुरने वाला है। शुक्रवार को धुंध और ओस की चादर छाई रही, वहीं शाम ढलते ही गलन इतनी बढ़ी कि तापमान 20 डिग्री तक गिर गया।
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को इस सीजन में पहली बार दिन का अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3.9 डिग्री कम है। तापमान में इस गिरावट ने शहरवासियों को कंपा दिया और गलन में भारी इजाफा किया है।
दोपहर बाद से ही 12 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तरी दिशा की सर्द हवाएं चलने लगी थीं। रात 10 बजे तक स्थिति और बिगड़ गई और गलन और अधिक महसूस होने लगी। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिससे घना कोहरा छाने की संभावना बढ़ गई है।
नमी बढ़ने से एयरपोर्ट के पास दृश्यता घटी
सुबह वातावरण की नमी 95 फीसदी तक पहुंच गई, जिसके कारण लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के आसपास दृश्यता घटकर 500 मीटर रह गई। सामान्य दिनों में यह 1000–2000 मीटर तक रहती है। रात 11 बजे तक भी नमी 75 फीसदी के आस-पास दर्ज की गई।
हिमालयी बर्फबारी ने बढ़ाई उत्तर भारत की ठंड
यूपी आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएं उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में तापमान लगातार गिरा रही हैं। बनारस समेत पूर्वांचल के कई जिलों में गलन बढ़ी है और कहीं-कहीं कोल्ड वेव की स्थिति भी बन सकती है।
अगले 2-3 दिन और कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले दो से तीन दिनों में तापमान और नीचे जा सकता है। जिससे सुबह-शाम की ठंड बेहद तेज हो जाएगी और कई इलाकों में घना कोहरा छा सकता है।