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काशी की देव दीपावली : शाम होते ही रौशनी से नहा उठेगा जैन घाट

भगवान सुपार्श्वनाथ की जन्मस्थली पर होगा विशेष आयोजन, जलेंगे 5100 दीप

 

काशी से “जियो और जीने दो”, “अहिंसा परमो धर्म” का दुनिया को दिया जाएगा संदेश

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी की विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली इस वर्ष और भी खास होगी। भगवान सुपार्श्वनाथ की जन्मस्थली भदैनी स्थित दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र यानी जैन घाट पर इस बार जैन समाज की ओर से भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। देव दीपावली पर जैन धर्म के मूल सिद्धांत- “जियो और जीने दो”, “अहिंसा परमो धर्म” को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पूरे जैन घाट को 5100 दीपों से सजाया जाएगा। आज शाम होते ही जैन घाट रौशनी से नहा उठेगा।

जैन समाज के लोगों ने बताया कि आज जब विश्व हिंसा, तनाव और भेदभाव जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है, तब भगवान महावीर स्वामी के यह सिद्धांत मानवता के मार्गदर्शक हैं। दीपों की यह श्रृंखला केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि यह शांति, अहिंसा और सह-अस्तित्व का संदेश भी देगी। सुरेंद्र जैन ने काशी वासियों से अपील की है कि वह देव दीपावली के पावन पर्व पर जैन घाट पहुंचकर दीप प्रज्वलन में सहभागी बनें और जैन धर्म के सिद्धांतों को आत्मसात करते हुए विश्व में शांति और सौहार्द का संदेश फैलाएं।

आपको बता दें कि भदैनी स्थित जैन तीर्थ क्षेत्र में इस विशेष आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। घाटों की सफाई, सजावट और दीप व्यवस्था का कार्य अंतिम चरण में है। देव दीपावली की रात जब गंगा तट पर हजारों दीपों की ज्योति लहराएगी, तब जैन घाट अपने मूल संदेश के साथ जगमग हो उठेगा।