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काशी-तमिल संगमम-4 : अस्सी घाट पर रंगोली में दिखी समृद्ध विरासत और हनुमान घाट पर फोटोग्राफी प्रतियोगिता

काशी-तमिल संगमम आयोजन की सफलता के लिए बीएचयू की ओर से किये जा रहे आयोजन 

 

प्रोफेसर, छात्र-छात्राओं ने लिया प्रतियोगिताओं में हिस्सा, सांस्कृतिक समन्यव स्थापित करने का प्रयास

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी के प्रसिद्ध अस्सी घाट पर मंगलवार को काशी तमिल संगमम-4 के तहत रंगोली प्रतियोगिता और हनुमान घाट स्थित काशी कामकोटेश्वर मंदिर परिसर में विजुअल आर्ट्स कार्यक्रम के तहत फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रगोली प्रतियोगिता में 150 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और काशी व तमिल संस्कृति की समृद्ध विरासत को रंगों के माध्यम से अभिव्यक्त किया। घाट पर सुबह से ही रंगों की रौनक देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आए पर्यटक भी आकर्षित हुए।

रंगोली प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने काशी और तमिलनाडु के मंदिर स्थापत्य, लोककला, पौराणिक कथाओं और सांस्कृतिक प्रतीकों को अपनी रचनात्मकता से उकेरा। किसी ने मदुरै के मीनाक्षी मंदिर को रंगों में संवारा तो किसी ने काशी विश्वनाथ धाम को केंद्र में रखकर अद्भुत कला प्रस्तुत की। दोनों संस्कृतियों के संगम की झलक इन रंगोलियों में स्पष्ट दिखाई दी। कई विदेशी मेहमानों ने भी कार्यक्रम में रुचि लेते हुए कलाकारों से उनकी कृतियों और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।

यह आयोजन बीएचयू की ओर से कराया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन और पर्यवेक्षण नोडल अधिकारी प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र कुमार, डॉ. ललित मोहन (डिपार्टमेंट ऑफ पेंटिंग) की अध्यक्षता में हुई। आयोजन समिति के सदस्यों ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। अस्सी घाट पर दिनभर चली रंगोली प्रतियोगिता ने सांस्कृतिक समन्वय की मिसाल पेश की। उधर, प्रातः 6 बजे से हनुमान घाट स्थित काशी कामकोटेश्वर मंदिर परिसर में विजुअल आर्ट्स कार्यक्रम के तहत फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह मंदिर तमिलनाडु से संबंधित धार्मिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। प्रतियोगिता में 70 से अधिक प्रतिभागियों, विशेषकर विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने मंदिर की विभिन्न मूर्तियों, स्थापत्य कला, रंग संयोजन, पूजा-पाठ की विधियों, मूर्तियों के श्रृंगार, आंतरिक एवं बाह्य साज-सज्जा तथा दर्शनार्थियों के दृश्यों को अपने फोटोग्राफी दृष्टिकोण से कैद किया। यह आयोजन नोडल अधिकारी प्रोफेसर आंचल श्रीवास्तव, संयोजक प्रोफेसर मनीष अरोड़ा एवं सहायक प्रोफेसर सृष्टि प्रजापति के निर्देशन में और सहायक प्रोफेसर कृष्णा सिंह व्यवहारिक कला विभाग, दृश्य कला संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।