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जलकल महाप्रबंधक कार्यालय के बाहर कर्मियों का विरोध-प्रदर्शन, नारेबाजी

महाप्रबंधक पर शासनादेश के विरूद्ध कर्मचारी विरोधी रवैया अपनाये जाने का लगाया आरोप

 

जलकल के राजस्व कर्मचारियों को बिना किसी शासनादेश के नगर निगम के अधीन करने के विरोध में हैं कर्मचारी

वाराणसी, भदैनी मिरर। कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ गुरूवार को भी जलकल विभाग के कर्मचारियों धरना-प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि कर्मचारी महाप्रवन्धक जलकल की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ चार नवम्बर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 

उप्र. जलकल कर्मचारी महासंघ और उप्र जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के बैनर तले विरोध कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि महाप्रबंधक शासनादेश के विरूद्ध कर्मचारी विरोधी नीतियों को अपना रहे हैं। लम्बे समय से कर्मचारियों की लम्बित मांगों की उपेक्षा की जा रही है। 
जलकल परिसर में धरना दे रहे कर्मचारियों की सभा में वक्ताओं ने कहाकि कर्मचारी संघ ने जलकल के राजस्व कर्मचारियों को बिना किसी शासनादेश के नगर निगम के अधीन करने के विरोध में महाप्रबंधक को कई पत्र दिये। लेकिन न तो इस पर कोई ध्यान दिया गया। महाप्रबन्धक द्वारा कर्मचारी समस्याओं की अनदेखी से उनमें गहरी नाराजगी है।

इस दौरान महाप्रबन्धक से कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता भी हुई जो बेनतीजा रही। इसके बाद कर्मचारियों ने मांगे पूरी न होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया। धरने पर जल संस्थान कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष अवधेश नारायण चतुर्वेदी, पूर्व उपाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, मणिभूषण शुक्ला, कर्मचारी संघ वाराणसी के अध्यक्ष मनोज कुमार व मंत्री वाचस्पति मिश्र, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् के अध्यक्ष शशिकांत श्रीवास्तव, जलकल कर्मचारी महासंघ शाखा वाराणसी के अध्यक्ष सुनील यादव, मंत्री नागेन्द्र प्रताप सिंह, महासंघ के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शर्मा, आलोक भट्टाचार्या, नित्यानंद मिश्र, प्रवीण वर्मा, श्रीशचन्द्र श्रीवास्तव, अशोक यादव, धीरज पांडेय, गौरव सिंह, संतोष पाण्डेय, धर्मराज पटेल, पारसनाथ सिंह यादव, राहुल गोस्वामी, रामसजीवन यादव, विनोद त्रिपाठी, आषीश त्रिपाठी, अनूप कुमार, राममणि पाण्डेय, विजय वर्मा सहित जलकल विभाग के समस्त राजस्व कर्मी उपस्थित रहे।