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अधिवक्ता पुत्र हेमंत पटेल हत्याकांड: स्कूल प्रबंधक के आरोपी पुत्र की उन्मोचन अर्जी कोर्ट ने की खारिज, 4 दिसंबर को तय होंगे आरोप

विशेष न्यायाधीश (PC Act) ने राज विजयेंद्र सिंह की उन्मोचन प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई के बाद किया खारिज-अगली तारीख पर आरोप तय करने की प्रक्रिया होगी शुरू

 

वाराणसी,भदैनी मिरर। बहुचर्चित अधिवक्ता पुत्र हेमंत पटेल हत्याकांड में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तृतीय) पूनम पाठक की अदालत ने आरोपित और स्कूल प्रबंधक के पुत्र राज विजयेंद्र सिंह उर्फ राज विजेंद्र सिंह उर्फ रवि की उन्मोचन प्रार्थना-पत्र (डिस्चार्ज एप्लिकेशन) खारिज कर दिया।
कोर्ट ने अब इस मामले में 4 दिसंबर 2025 को आरोप तय किए जाने की अगली तिथि निर्धारित की है।

वादिनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने पक्ष रखा और अदालत के समक्ष पूरे तथ्यों को विस्तार से प्रस्तुत किया।

क्या है पूरा मामला?

प्रकरण के अनुसार, सिंधौरा निवासी अधिवक्ता कैलाश चंद्र वर्मा ने शिवपुर थाने में FIR दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया कि 22 अप्रैल 2025 को दोपहर लगभग 1 बजे आरोपी राज विजयेंद्र सिंह ने वादी के 23 वर्षीय पुत्र हेमंत पटेल को अपने विद्यालय आने के लिए मोबाइल पर कॉल किया।
आरोप है कि हेमंत को बुलाने के लिए आरोपी ने शशांक और किशन नामक दो युवकों को भेजा। हेमंत अपने दादा की बाइक से दोनों के साथ विद्यालय के लिए निकला।

दोपहर 2:03 बजे, वादी के नाती प्रिंस उर्फ गोलू के मोबाइल पर आशीष पटेल नामक युवक का फोन आया। उसने सूचना दी कि विद्यालय परिसर में प्रबंधक के कमरे में राज विजयेंद्र सिंह ने लाइसेंसी पिस्टल से हेमंत को गोली मार दी है। गंभीर रूप से घायल हेमंत की मौके पर ही मौत हो गई।

गिरफ्तारी और कार्रवाई

घटना के बाद पुलिस ने आरोपी को अगले दिन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में आरोपी की ओर से आरोपों से उन्मोचित (डिस्चार्ज) करने के लिए प्रार्थना-पत्र दिया गया, जिसे कोर्ट ने साक्ष्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।

कचहरी में विरोध और वकीलों का आंदोलन

घटना के बाद अधिवक्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया था। कई दिनों तक कचहरी परिसर में वकीलों ने हंगामा किया और न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
पुलिस ने बाद में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया, तब जाकर वकील शांत हुए।

अगली सुनवाई 4 दिसंबर को

कोर्ट ने मामले में आरोप तय करने के लिए 4 दिसंबर 2025 की तिथि नियत की है। इस दिन अदालत में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के तर्कों के आधार पर आरोप तय किए जाएंगे।