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ठंड से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, CMO ने हॅास्पिटलों में विशेष व्यवस्थाओं के दिए निर्देश

 

वाराणसी। स्वास्थ्य विभाग ने ठंड के प्रकोप से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए चिकित्सालयों और आम नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने अत्यधिक ठंड के दुष्प्रभावों को गंभीरता से लेने और इससे बचने के उपाय अपनाने पर जोर दिया।

चिकित्सालयों में विशेष व्यवस्थाओं के निर्देश

स्वास्थ्य विभाग ने सभी चिकित्सालयों को निर्देश दिया है कि रोगियों और तीमारदारों को ठंड से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें:

  • वार्ड्स में रूम हीटर, वॉर्मर, और कंबलों की उपलब्धता।
  • खिड़की-दरवाजों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर कराना।
  • रैन बसेरों और विश्राम स्थलों में रूम हीटर और कंबलों का प्रबंध।
  • रात्रि और सुबह के समय नियमित निरीक्षण हेतु अधिकारियों की टीम गठित करना।
  • विशेष रूप से बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और बुजुर्गों के लिए सुविधाजनक चिकित्सा व्यवस्था।

शीत लहर से संबंधित रोगों पर ध्यान

सीएमओ ने बताया कि ठंड के कारण हृदय रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं, अवसाद, और अन्य मानसिक रोगों के मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने सभी चिकित्सालयों को पर्याप्त औषधियों और परामर्श सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी कोल्ड वेव से जुड़े रोगों की जानकारी देकर जन जागरूकता बढ़ाने को कहा गया।

क्या करें और क्या न करें: दिशा-निर्देश

क्या करें:

  1. सर्दियों में परतदार गर्म कपड़े पहनें।
  2. घर के अंदर रहकर ठंडी हवा से बचें।
  3. विटामिन सी से भरपूर आहार और गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें।
  4. शरीर को सूखा और गर्म रखें।

क्या न करें:

  1. ठंड में लंबे समय तक खुले में न रहें।
  2. मदिरा का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर के तापमान को घटा सकता है।
  3. कंपकंपी महसूस होने पर इसे नजरअंदाज न करें।

डॉ. चौधरी ने कहा, "अत्यधिक ठंड जानलेवा हो सकती है, और बचाव ही इसका सबसे अच्छा उपचार है। शीतलहर के प्रभाव को कम करने के लिए सभी नागरिकों को जागरूक रहना चाहिए और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करना चाहिए।"

वाराणसी के सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को ठंड से संबंधित मामलों में सजग रहने और तत्काल सहायता प्रदान करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के पालन से ठंड के प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।