नर्सिंग की छात्रा के अपहरण और दुष्कर्म में गोरखपुर के युवक को सात साल की कैद, जुर्माना
लखनऊ में हास्टल में रहकर नर्सिंग की कोर्स कर रही थी वाराणसी की छात्रा
कैंट स्टेशन से कर लिया था अपहरण, जबरी कर ली शादी और दी थी धमकी
वाराणसी, भदैनी मिरर। शादी का झांसा देकर युवती को बहला फुसलाकर भगा ले जाने और दुष्कर्म के मामले में अदालत ने मिनवा (गोरखपुर) निवासी अभियुक्त दुर्गाशंकर उर्फ आदित्य को 7 वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। फास्टट्रैक कोर्ट (द्वितीय) सुनील कुमार की अदालत ने यह फैसला सुनाया। अर्थदंड की अदायगी न करने पर आरोपित को दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। साथ ही उसे अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता देनी होगी। अदालत में वादिनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर सिंह ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार प्रार्थिनी लखनऊ में बीएससी नर्सिंग का कोर्स कर रही है और नर्सिंग होस्टल में रहती है। गोरखपुर का दुर्गाशंकर उर्फ आदित्य लखमऊ के गोमती नगर में रहता था और वह गोरखपुर में आईटीआई का छात्र है। वह लखनऊ में प्रार्थिनी की सहेली के पास आता-जाता रहा। सहेली ने ही दुर्गाशंकर का परिचय प्रार्थिनी से कराया था। इसके बाद दुर्गाशंकर प्रार्थिनी से मिलने लगा और प्रार्थिनी से शादी का प्रस्ताव रखा। प्रार्थिनी ने कहा कि बिना माता-पिता से पूछे शादी ’अपने मन से नहीं कर सकती। इसी बीच प्रार्थिनी की छुट्टी हो गयी और प्रार्थिनी लखनऊ से वरुणा ट्रेन से वाराणसी कैण्ट रेलवे स्टेशन पहुंची। स्टेशन से बाहर निकलते ही दुर्गाशंकर प्रार्थिनी से मिला। वह प्रार्थिनी से बात करते हुए स्टेशन से बाहर आया।
स्टेशन के बाहर पहले से ही गाड़ी थी, जिसमें चार-पांच लोग बैठे थे। दुर्गाशंकर प्रार्थिनी से बात करते गाड़ी के पास आया। इसके बाद से उसका अपहरण कर लिया गया। प्रार्थिनी को दुर्गाशंकर गोरखपुर ले गया। गोरखपुर में एक रात और एक दिन अनजान स्थान पर रखा। प्रार्थिनी को डरा धमका कर उसके साथ दुष्कर्म किया और मोबाइल से अश्लील वीडियो भी बना लिया। अगले दिन रजिस्टार कार्यालय ले गया और अपने मन से कागात पर लिखा-पढ़ी की। फिर प्रार्थिनी को बिना पढ़ाए जबरदस्ती दस्तखत बनावाकर कागजात को रजिस्ट्री ऑफिस में पेश कर दिया। बाहर लाकर शादी की रस्म अदायगी करते हुए प्रार्थिनी की मांग में सिंदूर डालकर फोटो खिंचवा लिया। यही नहीं दुर्गाशंकर ने प्रार्थिनी के सभी प्रमाण पत्र व निवास प्रमाण पत्र अपने पास रख लिया।
दुर्गाशंकर ने जब अपने मन मुताबिक दबाव देकर पूरी कार्यवाही कर ली तो प्रार्थिनी से कहा कि अब तुम घर जा सकती हो, लेकिन यह बात अपने माता पिता को मत बताना और न ही पुलिस को सूचना देना। नहीं तो तुम्हारे माता पिता व भाई को जान से मरवा देंगे। धमकी दी कि अश्लील वीडियो इन्टरनेट पर अपलोड कर बेईज्जत कर दूंगा और तुम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगी। इससे प्रार्थिनी काफी डर गयी थी। 11 अप्रैल 2014 को दिन में 2.42 मिनट पर प्रार्थिनी के पिता के मोबाइल पर एसएमएस आया कि आपकी बेटी से मैंने लखनऊ में कोर्ट मैरिज कर लिया। मैंने आपको शादी का सर्टिफिकेट कोरियर कर दिया। एसएमएस की सूचना के बाद प्रार्थिनी के पिता का ब्लडप्रैशर बढ़ गया और बीमार हो गये। उन्होंने प्रार्थिनी को वापस वाराणसी स्थित घर बुलाया। तब पिता ने बेटी से पूछताछ की। प्रार्थिनी ने पिता से बताया आदित्य ने मुझे काफी आतंकित व भयभीत कर दिया था। इसलिए डरकर शादी की बात मैने नहीं बतायी। दुर्गा शंकर ने मेरा अपहरण कर लिया था और मेरी इच्छा के विरुद्ध जबरिया शादी की। इसके बाद पिता के कहने पर प्रार्थिनी दुर्गा शंकर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।