डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया के उत्पीड़न से लेकर कैदियों से सट्टा खिलाने तक, जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर पहले भी लग चुके हैं कई गंभीर आरोप
वाराणसी स्थित चौकाघाट जिला जेल की महिला डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया ने जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अधीक्षक न सिर्फ मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं, बल्कि भ्रष्टाचार में भी लिप्त हैं। डिप्टी जेलर ने इस संबंध में डीजी जेल को शिकायत भेजी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद अचानक रविवार को उनका तबादला नैनी जिला जेल, प्रयागराज कर दिया गया। इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है, अखिलेश यादव से लेकर कई विपक्षी नेता प्रदेश की योगी सरकार और कानून पर सवाल खड़े किए है। यह पहली बार नहीं है जब जेल अधीक्षक उमेश सिंह विवादों में आए हैं। इससे पहले भी उन पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं, जिनमें कैदियों से अवैध वसूली, सट्टा संचालन और हिरासत में मौतों से जुड़े मामले शामिल हैं। आइए एक नजर डालते है जेल अधीक्षक पर लगे आरोपों पर...
विवादों से उमेश सिंह का रहा पुराना नाता
2021: मुरादाबाद जेल में कैदियों से सट्टा खिलाने का मामला
साल 2021 में उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद जेल में कैदियों से सट्टा खिलवाने का मामला सामने आया था। यह खेल जेल अधिकारियों की सरपरस्ती में चल रहा था। जब मेरठ के डीआईजी जेल ने इस मामले की जांच की, तो पाया गया कि दो हेड जेल वार्डर बंदियों से पैसे इकट्ठा कर बाहर सट्टे की पर्चियां लगवाते थे।
इस मामले में जांच के बाद तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश सिंह के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई थी। साथ ही, तीन डिप्टी जेलरों को जवाब तलब किया गया और दो बंदियों को दूसरी जेल में शिफ्ट किया गया।
2023: सुल्तानपुर जेल में कैदियों की संदिग्ध अवस्था में मौत का मामला
साल 2023 में सुल्तानपुर जिला जेल में अमेठी के दो बंदियों की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने दावा किया कि उन्होंने आत्महत्या कर ली, लेकिन परिजनों ने इसे हत्या करार दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों बंदियों की मौत पहले ही हो चुकी थी और उनके शरीर पर चोटों के निशान थे।
इस मामले में डीएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में डीएम ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। रिपोर्ट में पाया गया कि दोनों बंदियों को जहर दिया गया था और 12 घण्टे से दोनों ने कुछ नहीं खाया था।हालांकि, इस मामले में कार्रवाई के बजाय, तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश सिंह का ट्रांसफर वाराणसी जेल कर दिया गया।
डिप्टी जेलर ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं अभी ताजा मामला वाराणसी की चौकाघाट जिला जेल का है, जहां डिप्टी जेलर मीना कन्नौजिया ने जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर मानसिक प्रताड़ना और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। मीना कन्नौजिया ने वीडियो संदेश मजारी कर दावा किया कि जेल अधीक्षक उमेश सिंह उन्हें बार-बार घर बुलाकर प्रताड़ित करते थे। इसके अलावा, जेल में किसी भी विवाद में जानबूझकर उनका नाम घसीटा जाता था। उन्होंने चार महीने पहले डीजी जेल को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार और अवैध वसूली की शिकायत की थी, लेकिन इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब अचानक उनका तबादला नैनी जिला जेल, प्रयागराज कर दिया गया।
सियासत हुई तेज, विपक्ष ने साधा निशाना
इस पूरे मामले में विपक्षी दलों ने प्रदेश सरकार को घेर लिया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर योगी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि महिला डिप्टी जेलर को सुरक्षा देने और उनके आरोपों की निष्पक्ष जांच कराने की बजाय उन्हें ही सजा दी गई।
इसके अलावा, अन्य विपक्षी नेताओं ने भी जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है, जहां भ्रष्टाचार और अत्याचार करने वालों को बचाया जा रहा है और सच बोलने वालों को दबाया जा रहा है।