महमूरगंज में टेंट हाउस में लगी भीषण आग, लाखों का माल जलकर खाक
वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के महमूरगंज में मोतीझील परिसर के पिछले हिस्से में स्थित एक बड़े टेंट हाउस के गोदाम में शुक्रवार-शनिवार देर रात भीषण आग लग गई। आग इतनी विकराल थी कि इसने पास स्थित मोहिनी कुंज कॉलोनी की मल्टीस्टोरी बिल्डिंग को भी अपनी चपेट में ले लिया। हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन लाखों का सामान जलकर राख हो गया।
पटाखे की चिंगारी से आग लगने की आशंका
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात करीब 1.30 बजे आग भड़की, जिसकी वजह पटाखे की चिंगारी बताई जा रही है। टेंट हाउस के मालिक शशांक ने बताया कि शॉर्ट सर्किट की संभावना नहीं है, क्योंकि गोदाम बंद करने से पहले एमसीबी स्विच ऑफ कर दिया जाता था। स्थानीय लोगों के अनुसार, देर रात आतिशबाजी हो रही थी, जिससे आग फैलने की आशंका जताई जा रही है।
सामाजिक संगठन की त्वरित मदद
आग लगने के बाद फायर ब्रिगेड से संपर्क करने में परेशानी हुई, जिसके बाद सत्या फाउंडेशन के संस्थापक सचिव चेतन उपाध्याय ने पुलिस कंट्रोल रूम और 112 नंबर पर सूचना दी। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग और पुलिस मौके पर पहुंच गए। इलाके की बिजली काट दी गई ताकि आग और न फैले।
फायर ब्रिगेड की मुस्तैदी और समस्याएं
आग बुझाने में फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियों ने एक साथ मोर्चा संभाला, लेकिन पानी की कमी के कारण बचाव कार्य में बाधा आई। फायर ब्रिगेड जब पानी भरने के लिए टीसीएस (सिद्ध कॉम्प्लेक्स) पहुंची, तो वहां का फायर सिस्टम खराब मिला। इसके बाद विराट विला अपार्टमेंट से पानी लेने का प्रयास किया गया, जहां संकीर्ण रास्तों, गाड़ियों की पार्किंग और टीवी केबल तारों की वजह से परेशानी हुई। अंततः किसी तरह पाइप जोड़कर **फायर ब्रिगेड की गाड़ियों में पानी भरा गया और सुबह 4:45 बजे आग पर काबू पाया गया।
फायर फाइटिंग सिस्टम की पोल खुली
इस घटना ने महमूरगंज की पॉश बिल्डिंगों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। फायर ब्रिगेड अधिकारियों ने सिद्ध कॉम्प्लेक्स और विराट विला के प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। अगर इन बिल्डिंगों के फायर सिस्टम सक्रिय होते तो आग को जल्दी बुझाया जा सकता
आग में टेंट हाउस का पूरा स्टॉक जलकर राख हो गया। इसके अलावा, मोहिनी कुंज बिल्डिंग में कई फ्लैटों के एसी, वाशिंग मशीन, बिजली के स्विच बोर्ड, मोबाइल, लैपटॉप, कपड़े, बिस्तर और दरवाजे-खिड़कियां भी जल गईं। पूरे इलाके में भयंकर दुर्गंध फैली हुई थी।
सत्या फाउंडेशन के संस्थापक सचिव, चेतन उपाध्याय ने बताया कि समय पर उचित संसाधन मिलते तो आग को जल्दी बुझाया जा सकता था।