बिजली कर्मचारी 29 मई से करेंगे अनिश्चितकाल कार्य बहिष्कार, पावर कार्पोरेशन की सद्बुद्धि के लिए हनुमानजी मंदिर में किया सुंदरकांड पाठ
कल से 2 से 5 बजे तक बिजलीकर्मी करेंगे निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
पावर कॉरपोरेशन पर बढ़ा चढ़ा कर घाटा दिखाने और आंकड़ों के फर्जीवाड़े का लगाया आरोप
वाराणसी, भदैनी मिरर। बनारस के बिजलिकर्मियों ने निजीकरण के विरोध में प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर मंगलवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। हनुमानजी मंदिर पर ऊर्जा प्रबन्धन को सही रास्ता दिखाने हेतु बिजलिकर्मियो ने सुन्दरकाण्ड पाठ किया। राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर संगठन क्षेत्रीय स्तर पर संघर्ष समिति के साथ एक मंच पर बिजली के निजीकरण का विरोध किया जा रहा है।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के मीडिया सचिव अंकुर पाण्डेय ने बताया कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं की भांति बनारस बिजली कर्मचारियों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। अब बुधवार को दोपहर-2बजे से शाम 5 बजे तक भिखारीपुर स्थित प्रबन्ध निदेशक कार्यालय पर समस्त बिजलीकर्मी विरोध सभा करेंगे। इसके अलावा हनुमानजी मंदिर पर ऊर्जा प्रबन्धन को सही रास्ता दिखाने हेतु बिजलिकर्मियो ने सुन्दरकाण्ड का पाठ किया। राज्य विद्युत जूनियर इंजीनियर संगठन के क्षेत्रीय स्तर पर संघर्ष समिति के अनुरोध पर बिजली के निजीकरण के वर्तमान संघर्ष को एक मंच पर लड़ने की सहमति दे दी। भिखारीपुर में आयोजित विरोध सभा में अवर अभियंता और सहायक अभियंताओं ने अपनी आवाज बुलंद किया।
संघर्ष समिति ने पावर कारपोरेशन के चेयरमैन पर आरोप लगाया है कि वह आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कर बढ़ा-चढ़ा कर घाटा दिखा रहे हैं। वह आम उपभोक्ताओं पर इसका बोझ डालना चाहते हैं, जबकि इसके पीछे मुख्य मकसद निजी घरानों की मदद करना है। वक्ताओं ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का यह कार्यक्रम 28 मई तक चलेगा। 29 मई से संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की नोटिस दी है। संघर्ष समिति ने कहा कि 29 मई से होने वाले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के पहले 21 मई से संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों के प्रांतस्तरीय दौरे प्रारंभ होंगे। संघर्ष समिति ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि जब किसी प्रांत में पावर कारपोरेशन ने अपने एआरआर को चार दिन के अंदर पुनरीक्षित कर घाटा बढ़ा-चढ़ा कर नई एआरआर दाखिल की है।
संघर्ष समिति ने कहा कि यह सब निजी घरानों की मदद करने के लिए किया जा रहा है। आगरा में भी निजीकरण के पहले एटी एंड सी की हानी 54प्रतिशत बताई गई थी जो वास्तव में 40 के नीचे थी। इसका दुष्परिणाम यह है कि आज भी आगरा में पावर कॉरपोरेशन 5.55 रु प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर निजी कंपनी को 4. 36 रु प्रति यूनिट में दे रही है। इससे 274 करोड रुपए का सालाना नुकसान उठा रही है। समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन को सार्वजनिक तौर पर यह बताना चाहिए कि महज चार दिन पहले नियामक आयोग को सौंपे गए एआरआर में 9206 करोड़ रुपए के घाटे की बात कही गई थी। कल चानक एआरआर को बदल कर 19600 करोड रुपए का घाटा दिखाया गया है। समिति ने कहा कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन यह भी सार्वजनिक करें कि निजीकरण के बाद सरकार सब्सिडी देगी या नहीं देगी। क्योंकि उनके द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में बार-बार सब्सिडी का उल्लेख किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन द्वारा कल जारी किए गए सारे आंकड़े भ्रामक और जानबूझकर तोड़ मरोड़ कर रखे गए हैं। घाटा बढ़ाकर दिखाने का मकसद केवल निजी घरानों की मदद करना है। संघर्ष समिति इन आंकड़ों पर कल विस्तृत वक्तव्य देगी।
विरोध प्रदर्शन के दौरान पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की दमनकारी नीति के चलते शक्ति भवन पर अनावश्यक रूप से टकराव का वातावरण उत्पन्न हुआ। कार्पोरेशन प्रबंधन ने शक्ति भवन के सारे गेट बंद करवा दिए । न कोई बाहर आ सकता था और न कोई बाहर से अंदर जा सकता था। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की इस कार्यवाही से शक्ति भवन का कार्य प्रभावित हुआ। इसकी सारी जिम्मेदारी चेयरमैन की है। पदाधिकारियों द्वारा प्रबंधन के इस कृत्य का विरोध किए जाने के बाद शक्ति भवन के गेट खोले गए। विरोध सभा की अध्यक्षता ओपी सिंगज ने और संचालन अंकुर पाण्डेय ने किया। सभा को ई. मायाशंकर तिवारी, ई. नरेंद्र वर्मा, ई. एसके सिंह, ई. नीरज बिंद, ई. मनीष राय, ई. पंकज जायसवाल, विजय सिंह, जिउतलाल, वेद प्रकाश राय, प्रशांत कुमार, रमाशंकर पल, अभिषेक सिंह, मोनिका केशरी, नेहा कुमारी, संतोष वर्मा, राजेश सिंह, संदीप कुमार,उदयभान दुबे, ई. विजय सिंह, ई. केके ओझा, ई. विक्रांत जैस, मनोज यादव, जयप्रकाश, अजित कुमार,आदि रहे।