दालमंडी सड़क चौड़ीकरण प्रकरण : डीएम ने कोर्ट में दिया हलफनामा, कहा-नियमानुसार होगी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
चौड़ीकरण के लिए डीपीआर तैयार, 25 करोड़ की धनराशि हो चुकी है आवंटित, सड़क 650 मीटर लंबी और 17 मीटर चौड़ा करने का है प्रस्ताव
डीएम ने लोगों की रजामंदी, मुआवजा दिये बगैर ध्वस्तीकरण न होने का दिया भरोसा
दालमंडी में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए ध्वस्तीकरण पर भवन मालिकों को मिली राहत
प्रयागराज, भदैनी मिरर। वाराणसी की दालमंडी में प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण परियोजना के चलते मकानों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल याचिका में डीएम ने अदालत में हलफनामा दाखिल कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान डीएम सत्येंद्र कुमार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि भू-स्वामियों की सहमति, अधिग्रहण और मुआवजा देने के बाद मकानों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा। कानून का पालन किए बगैर ध्वस्तीकरण कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने राज्य के हलफनामे का संज्ञान लेते हुए पक्षों को सुनने के बाद याचिका निस्तारित कर दी। अदालत के इस फैसले से भवनस्वामियों को राहत मिली है।
राज्य की ओर से यह भी कहा गया कि फिलहाल दालमंडी में कोई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं चल रही है। जिन लोगों की भूमि सड़क के चौड़ीकरण और सुदृढ़ीकरण के दायरे में आएगी, उन पर कानून की उचित प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी कानूनी अधिकारों से वंचित नहीं किया जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने शहनाज परवीन की याचिका पर दिया। दालमंडी निवासी याची शहनाज ने सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आ रहे मकानों के ध्वस्तीकरण के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनका कहना था कि राज्य के प्रतिवादी उसके निर्माण को बिना किसी अधिग्रहण या मुआवजे के भुगतान के ध्वस्त करने की बात कह रहे हैं। इससे उहापोह की स्थिति बनी हुई है। इस मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। इसके बाद राज्य की ओर से जिला अधिकारी ने हलफनामा देकर बताया कि राज्य सरकार दालमंडी सड़क को चौड़ा और सुदृढ़ बनाने का प्रस्ताव कर रही है। भू-स्वामियों को उनकी सहमति, अधिग्रहण व मुआवजा देने के बाद उनके मकानों को ध्वस्त किया जाएगा। कानून का पालन किए बिना ध्वस्तीकरण की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
गौरतलब है कि दालमंडी चौड़ीकरण के मद्देनजर कार्यवाहियां तेज हो गई थीं। पिछले माह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दालमंडी सड़क चौड़ीकरण की डीपीआर मांगी थी। इसके बाद लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था। पिछले पंद्रह दिनों में लोक निर्माण विभाग और नगर निगम ने संयुक्त रूप से सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजी। जल निगम ने भी सीवर लाइन के लिए सर्वे शुरु कर दिया। यहां की सड़क 650 मीटर लंबी और करीब 17 मीटर तक चौड़ी करने का प्रस्ताव है। इसकी पूरी डीपीआर फाइनल हो गई है। तत्कालीन कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया था कि चौड़ीकरण का काम शुरू करने के लिए 25 करोड़ रूपये जारी कर दिए गए हैं।
दालमंडी चौड़ीकरण के लिए हो रही कार्यवाहियों से स्थानीय लोगों में खलबली मची हुई है। यहां के लिए चौड़ीकरण का विरोध कर रहे हैं। हालांकि इस गली में हद से ज्यादा अतिक्रमण कर लिया गया था। यहां पैदल चलना भी मुश्किल हो गया था। दालमंडी का अतिक्रमण भी यहां के विकास में बाधक बना था। करीब एक साल हुए होंगे, नगर निगम के मिनी सदन में बैठक के बाद दालमंडी चौड़ीकरण का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पास हो गया था। इस गली को चौड़ा करने का मकसद श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर तक जाने के लिए यातायात सुगम बनाना था। इधर, अब डीएम के हलफनामा दाखिल करने और हाईकोर्ट के मुकदमे के निस्तारण के बाद भू-स्वामियों को भरोसा हुआ कि उन्हें नियमानुसार उचित मुआवजा देने के बाद ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई होगी। इससे भवनस्वामियों को राहत तो मिली लेकिन किरायेदार अब भी उहापोह में हैं।
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण की जद में आएंगी छह मस्जिदें, 146 मकान
दालमंडी सड़क चौड़ीकरण को लेकर सर्वे का भी काम जारी है। पीडब्ल्यूडी के सर्वे में 146 मकानों को चिह्नित किया गया है। चौड़ीकरण की जद में छह मस्जिदें भी आएंगी। इसकी सूची बनाकर पीडब्ल्यूडी ने शासन-प्रशासन को भेज दिया है। आने वाले दिनों में इस सड़क को 56 फीट चौड़ा किया जाएगा। इस पर 210 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। माना जा रहा है सड़क चौड़ीकरण के बाद यहां रोजगार के अवसर खुलेंगे। होटल, मॉल, व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स आदि खोले जाएंगे। पिछले दिनों नापजोख के साथ तिरपाल हटवाने का काम शुरू हुआ था। इस सड़क के चौड़ीकरण से श्रीकाशी विश्वनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी। यहां मुस्लिम आबादी अधिक है। शहर में बढ़ते जाम को देखते हुए दालमंडी की सड़क को चौड़ा करने का प्रस्ताव है।