दालमंडी में कार्रवाई पर कांग्रेस का विरोध, प्रभावित दुकानदारों से मिलने पहुंचे प्रतिनिधियों को पुलिस ने बीच रास्ते रोका
कांग्रेस ने लगाया पक्षपात का आरोप
वाराणसी, भदैनी मिरर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दालमंडी इलाके में चल रही प्रशासनिक कार्रवाई अब सियासी रंग ले चुकी है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा प्रशासन पर प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की "एकतरफा और विभाजनकारी नीति" करार दिया है। रविवार को कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दालमंडी क्षेत्र का दौरा करने की योजना बनाई थी ताकि प्रभावित दुकानदारों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी जा सकें। हालांकि इससे पहले ही वाराणसी पुलिस ने कांग्रेस नेताओं के घरों पर सुरक्षा पहरा बिठा दिया। बावजूद इसके चौबे के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता बेनिया पार्क तक पहुंच गए।
वहीं एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल त्रिपाठी ने धारा 144 का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रतिनिधियों को दालमंडी में प्रवेश से रोकते हुए मौके पर ही ज्ञापन प्राप्त किया।
प्रशासन पर गंभीर आरोप
महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “यह केवल अतिक्रमण का मामला नहीं, बल्कि व्यापारियों को साजिश के तहत उजाड़ा जा रहा है। दालमंडी वर्षों से हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है, लेकिन भाजपा सरकार की विभाजनकारी नीति सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रही है।” उन्होंने दावा किया कि इस कार्रवाई से लगभग 10,000 दुकानदार प्रभावित होंगे और इसे व्यापार विरोधी रवैया बताया।
पीएम और राज्यपाल से मिलने की मांग
चौबे ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी काशी दौरे के दौरान उनसे मिलने का समय मांग रहे हैं ताकि इस मुद्दे को उनके समक्ष रखा जा सके। साथ ही राज्यपाल से मिलने के लिए भी निवेदन किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि बनारस की जनता की है। हम हर व्यापारी के साथ खड़े हैं और उनके हक के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे।”
प्रतिनिधिमंडल में राघवेंद्र चौबे के अलावा फसाहत हुसैन बाबू, सतनाम सिंह, अब्दुल हमीद डोडे, वकील अंसारी, अरुण सोनी, रमजान अली, वसीम अंसारी, हसन मेहदी कब्बन, मोनाजिर मंजू, रोहित दुबे, नरसिंह दास, मो. खालिद, विनीत चौबे, रामजी गुप्ता, किशन यादव, राजू गुप्ता, विकास पांडेय सहित दर्जनों कार्यकर्ता और नागरिक शामिल रहे।