पश्चिमी खान-पान की आदतों से बढ़ रही आंत्र सूजन की बीमारी
बीएचयू : यूपी का पहला अस्पताल जहां मल प्रत्यारोपण से होगा आईबीडी रोग का इलाज
वाराणसी, भदैनी मिरर। बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो देवेश प्रकाश ने बताया कि सूजन आंत्र रोग (आईबीडी) बीमारी वेस्टर्न खान-पान से बढ रही है। इस बीमारी में मुख्य रूप से क्रांस डिजीज और अल्सरेटिव कोलाइटिस का समूह है, जिसके कारण आंतो में प्रदाह होता है। इस बीमारी से बचने के लिए डिब्बा बंद खाना, दूध, लाल मांस, तेल एवं मसालेदार भोजन, कोल्ड ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर, पैक्ड फूड प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड से बचना चाहिए। यूपी का पहला आईबीडी क्लीनिक बीएचयू में स्थापित है।
प्रो देवेश ने बताया कि आईबीडी में पेट दर्द और ऐंठन, मल में रक्त, दस्त, वजन घटना, भूख घटना आदि लक्षण होते हैं। ऐसे में इस बीमारी की सटीक जानकारी के लिए सिटी स्कैन, एंडोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड कोलोनोस्कोपी, मल जांच से मिल पाती है। उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने पर यह बीमारी घातक रुप भी अख्तियार कर लेती है। मल प्रत्यारोपण (Fecal Microbiota Transplantation - FMT) से आईबीडी रोग का निदान सफलता पूर्वक किया जा रहा है। मल प्रत्यारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें स्वस्थ दाता के मल को रोगी की आंत में स्थानांतरित किया जाता है। ताकि आंत के माइक्रोबायोम को संतुलित किया जा सके।
19 मई को मनाया जाएगा आईबीडी दिवस
डाक्टर देवेश ने बताया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व 19 मई को आईबीडी दिवस मनाया जा रहा है। इस विभाग के आईबीडी क्लीनिक में वर्ष 2021 से अबतक 1388 मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन्फ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज (आईबीडी) भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है और करीब 15 लाख भारतीय आईंबीडी से ग्रस्त हैं। आईबीडी से बचने के लिए छाछ, दही, केला, दलिया, मिक्स सब्जी सब (छिलका रहित), लौकी, कट्टू, तरोई खाना चाहिए।
लोगों को किया जाएगा जागरूक
विभागाध्यक्ष डॉ. देवेश प्रकाश यादव ने बताया कि हर वर्ष के 19 मई को दुनिया विश्व आईबीडी दिवस पर आईबीडी के बारे में जागरूकता पैदा करने, खुली चर्चा के लिए प्रोत्साहित करने और बेहतर उपचारों की दिशा में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए एकजुट होती है। सर सुंदरलाल अस्पताल के डॉक्टर्स लाउंज में विभाग के विशेषज्ञ द्वारा भी उस दिन मरीजों को जागरूक किया जाएगा। इसमें पंजीकृत और नए मरीज भाग लेंगे। पत्रकार वार्ता को डॉ. देवेश प्रकाश के अलावा डॉ. एस. के. शुक्ला, डा. अनुराग कुमार तिवारी, डा. विनोद कुमार ने संबोधित किया।