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काशी में 72 दिन बाद गंगा में शुरू होगा नौका संचालन, इन नियमों का पालन करना होगा जरूरी

11 जुलाई से गंगा में नाव संचालन पर था प्रतिबंध, 23 सितंबर से सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक ही नावें चलेंगी
 

 

नाव की क्षमता से केवल 50% पर्यटक बैठ सकेंगे

यात्रियों को लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य, नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

वाराणसी। काशी आने वाले पर्यटकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। 72 दिन बाद गंगा में नौका संचालन की अनुमति मिल गई है। 11 जुलाई से गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण नौका संचालन पर रोक लगा दी गई थी। अब 23 सितंबर से गंगा में नाव और मोटरबोट फिर से चलेंगी। हालांकि इसके लिए कई सख्त नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।

सुबह 6 से शाम 5 बजे तक चलेगी नाव

दशाश्वमेध घाट स्थित जल पुलिस परिसर में रविवार को नाविकों, मोटरबोट मालिकों और निषाद समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। इसमें तय हुआ कि 23 सितंबर से नाव और मोटरबोट का संचालन केवल सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक ही होगा। शाम 5:30 बजे तक सभी नावों को घाट पर खड़ा कर दिया जाएगा।

गंगा आरती में नाव लगाने की अनुमति नहीं

एसीपी जल पुलिस शुभम सिंह ने स्पष्ट किया कि अभी किसी भी नाव को गंगा आरती में लगाने की अनुमति नहीं होगी। यह आदेश फिलहाल एक सप्ताह तक लागू रहेगा।

यात्रियों की सुरक्षा होगी प्राथमिकता

इंस्पेक्टर राजकिशोर पांडेय ने कहा कि सभी नाविक सोमवार तक अपनी नावों और मोटरबोट की मरम्मत, रंगाई और सर्विसिंग पूरी कर लें। वहीं जल पुलिस प्रभारी शशि प्रताप सिंह ने निर्देश दिए कि नाव में केवल उसकी निर्धारित क्षमता के 50% यात्रियों को ही बैठाया जाएगा। सभी पर्यटकों को लाइफ जैकेट पहनाना अनिवार्य होगा।

नाविकों को चेतावनी दी गई है कि यदि नशे की हालत में किसी यात्री को बैठाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यात्रियों की सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बैठक में मांझी समाज के अध्यक्ष और कई नाविक भी मौजूद रहे।