बीजेपी नेता पशुपति नाथ मर्डर में 307 गैंग के 16 दोषियों को उम्रकैद
12 अक्तूबर 2022 की शाम सिगरा थाना क्षेत्र के जय प्रकाश नगर कॉलोनी में मनबढ़ों ने की थी हत्या
अपराधियों ने बना लिया था संगठित गिरोह, 15 बदमाश छित्तूपुरा के और एक फुलवरिया का
पुलिस ने दो बदमाशों को एनकाउंटर में किया था गिरफ्, अन्य की बारी-बारी से हुई थी गिरफ्तारी
देसी शराब के ठेके पर बदमाशों ने लाठियों से पीटकर की थी भाजपा नेता की हत्या
वाराणसी, भदैनी मिरर। सिगरा थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर में भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की हत्या में शामिल 307 गैंग के 16 आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) कुलदीप सिंह की अदालत ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषियों को हत्या, बलवा, जानलेवा हमला और साजिश की धाराओं में गुरूवार को दोषी करार दिया था। सजा के मामले में अदालत ने 13 जून की तिथि निर्धारित की थी। शुक्रवार को सुनवाई के बाद अदालत ने सभी आरोपितों को गंभीर अपराध का दोषी मानते हुए सजा सुना दी। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी मनोज गुप्ता, विनय कुमार सिंह, बिंदु सिंह और वादी के अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह गौतम ने पैरवी की।
घटना 12 अक्टूबर 2022 शाम सिगरा थाना क्षेत्र के जय प्रकाश नगर कॉलोनी के देसी शराब के ठेके के पास हुई थी। उस समय चंदुआ छित्तूपुर के मंटू सरोज व राहुल सरोज दो अन्य साथियों के साथ शराब पीने के बाद उपद्रव कर रहे थे। पास के रहनेवाले राजकुमार सिंह के मना करने पर चारो ने उनके विवाद कर लिया। इस दौरान चारो उपद्रवी चले गये। कुछ देर के बाद दो दर्जन की संख्या में बदमाश पहुंचे। इसके बाद मंटू, राहुल सरोज व अभिषेक के ललकारने पर बदमाशों ने जान से मारने की नीयत से लोहे की रॉड से राजकुमार सिंह पर हमला कर दिया। राजकुमार का शोर सुनकर भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह मौके पर पहुंचे और बेटे राजकुमार सिंह को बचाने लगे। तब तक बदमाशों ने पशुपतिनाथ सिंह पर हमला कर दिया। गंभीर चोट के कारण वह अचेत हो गए। उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने पशुपतिनाथ सिंह को मृत घोषित कर दिया।
इस मामले में घायल बेटे राजकुमार सिंह ने हमलावरों के खिलाफ सिगरा थाने में शिकायत की। राजकुमार सिंह के भाई रुद्रेश कुमार सिंह की तहरीर पर पुलिस ने आरोपितो को गिरफ्तार किया। इस हत्याकांड में दो दरोगा सहित 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया था। पशुपतिनाथ सिंह की हत्या की खबर प्रदेश स्तर पर सुर्खियां बनी थीं। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उनके घर गये थे और घटना पर दुख जताते हुए हमलावरों के शीघ्र गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। इस दौरान गैर राजनीतिक दलों ने भी नाराजगी जताते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। हत्याकांड में शामिल हमलावरों ने 307 गैंग बना रखा था।
आपराधिक प्रवृत्ति के इन युवकों का सिगरा क्षेत्र में लंबे समय से आतंक कायम हो गया था। आपको बता दें कि अदालत ने जिन बदमाशों को घटना के लिए दोषी माना है, उनमें विकास भारद्वाज, मंटू सरोज, राहुल सरोज, मनीष पांडेय, गणेश सरोज, अभिषेक सरोज, दिनेश पाल, अनूप सरोज, सूरज यादव, रमेश पाल, अनुज उर्फ बाबू सरोज, श्याम बाबू राजभर, विशाल राजभर, संदीप कुमार गुप्ता, सुरेश सरोज व आर्या उर्फ आकाश सरोज। इनमें संदीप कुमार गुप्ता निवासी मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के फुलवरिया का है और बाकी 15 दोषी चंदुआ, छित्तुपुर सिगरा के रहने वाले हैं। गौरतलब है कि इस हत्याकांड को लेकर शहर की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे। बाद में पुलिस ने लहरतारा स्थित डीआरएम आफिस के पास हत्या में वांछित 307 गैंग के मास्टरमाइंड समेत दो बदमाशों चंदुआ छित्तूपुर निवासी राहुल सरोज और पवनको मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। मौके पर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश भी पहुंचे थे। अदालत के इस फैसले का भाजपा नेता के परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने स्वागत किया है।