बीएचयू का बहुचर्चित टेंडर घोटालाः हाईकोर्ट ने आपराधिक मुकदमे को खारिज करने से किया इनकार
आरोपितों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका भी खारिज कर दी
बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक समेत अन्य के खिलाफ दर्ज है गंभीर मामलों में मुकदमा
वाराणसी,भदैनी मिरर। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल अस्पताल से जुड़े एक बहुचर्चित टेंडर घोटाले में दर्ज आपराधिक मुकदमे को रद्द करने से इनकार कर दिया है। साथ ही मुकदमे को रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग से सम्बंधित याचिका खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी व न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने मनोज कुमार शाह की याचिका पर दिया।
वाराणसी के लंका थाने में 19 मार्च 2025 को बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. कैलाश कुमार, डॉ. एएनडी द्विवेदी, रश्मि रंजन, पल्स डायग्नोस्टिक के एमडी मनोज कुमार शाह, निदेशक सुनैना बिहानी पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। शिकायतकर्ता डॉ. उदयभान सिंह ने आरोप लगाया था कि बीएचयू अस्पताल में पीपीपी मोड पर डायग्नोस्टिक इमेजिंग सेवाओं के संचालन व अन्य कार्य के लिए जारी टेंडर में गड़बड़ी की गई है।
पल्स डायग्नोस्टिक के एमडी मनोज कुमार शाह और निदेशक सुनैना बिहानी ने फर्जी जीएसटी नंबर का इस्तेमाल किया था। इसके बावजूद मूल्यांकन समिति ने उनके टेंडर को अप्रूव कर दिया। मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष प्रो. कैलाश कुमार व डॉ. एएनडी द्विवेदी और रश्मि रंजन कमेटी की सदस्य थीं। एसीजेएम कोर्ट के आदेश से सभी आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कराया गया। मनोज कुमार शाह ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।