{"vars":{"id": "125128:4947"}}

BHU के छात्रों ने सरदार पटेल, इंदिरा गांधी और आचार्य नरेंद्र देव को किया याद

कहा-तीनों विभूतियों के आदर्शों से ही एकता, न्याय और सामाजिक समरसता की भावना से ही देश हो सकता है सशक्त 

 

विश्वविद्यालय परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में हुआ कार्यक्रम का आयोजन

वाराणसी, भदैनी मिरर। समाजवादी छात्र सभा की काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई की ओर से शुक्रवार को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 150वीं जयंती, देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की पुण्यतिथि और समाजवाद के प्रखर विचारक आचार्य नरेंद्र देव की जयंती पर विचार गोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। बीएचयू परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू परिसर में हुए इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के दर्जनों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्रसभा के क्रांतिकारी इकाई अध्यक्ष हिमांशु यादव ने की और संचालन मीडिया प्रभारी अंकित ने किया। सभा में अंकित समाजवादी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद किया और बताया कि किस प्रकार आज़ादी के बाद उन्होंने 562 रियासतों का एकीकरण कर भारत में मिलाने का काम किया । उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने प्रशासनिक दृढ़ता और राष्ट्रीय एकता का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह आज भी भारतीय राजनीति के लिए प्रेरणा स्रोत है।

छात्र प्रतीक ने देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व से विश्व पटल पर भारत की पहचान बनाई। उन्होंने बांग्लादेश युद्ध, हरित क्रांति और अंतरिक्ष कार्यक्रमों के माध्यम से भारत को नई दिशा दी। विधि संकाय के छात्र सुमित पटेल ने समाजवाद के महान पुरोधा आचार्य नरेंद्र देव के संघर्षमय जीवन और विचारधारा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा, समानता और समाज कल्याण को राजनीति का मूल उद्देश्य माना। कार्यक्रम में समाजवादी छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में कहा कि इन तीनों विभूतियों के आदर्शों से ही देश की एकता, न्याय और सामाजिक समरसता की भावना को सशक्त किया जा सकता है। कार्यक्रम में सुमित सिंह पटेल, हिमांशु पटेल, विकाश पटेल, ऋषि सिंह पटेल, डीएल यादव, शुभिता यादव, सुधीर गुप्ता, अभिषेक गोप, रजनीश पांडेय, अर्पण, संदीप प्रजापति, शुभम कुमार मौर्य, आयुष, जय अग्रहरि, गोविंद यादव, अभिषेक यादव और ऋतम सिंह आदि दर्जनों छात्र छात्राएं रहे।