BHU गौशाला में कर्मचारी ने की आत्महत्या, बीमारी और डिप्रेशन बनी वजह
पुलिस ने शव को भेजा पोस्टमार्टम, फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य संकलन किया
2010 से कार्यरत था दिलीप कुमार राय, सर सुंदरलाल अस्पताल से चल रहा था इलाज
डिप्रेशन के चलते तीन दिन से घर पर था, परिजनों की मना करने के बावजूद गया था काम पर
वाराणसी,भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के गौशाला परिसर में उस समय सनसनी फैल गई जब वहां कार्यरत एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान लगभग 40 वर्षीय दिलीप कुमार राय के रूप में हुई है, जो वर्ष 2010 से गौशाला में कार्यरत थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिलीप कुमार राय पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से अवसाद (डिप्रेशन) से जूझ रहे थे। उन्हें लंबे समय से किसी बीमारी ने घेर रखा था और उनका इलाज बीएचयू स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय से चल रहा था। इसी मानसिक तनाव के चलते उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया।
बताया जा रहा है कि दिलीप बीते तीन दिनों से अमरा खैरा चक घर पर ही थे, लेकिन रविवार को वह अचानक काम पर लौट आए। उनके पिता श्यामलाल ने उन्हें गौशाला जाने से मना भी किया था, लेकिन दिलीप नहीं माने और ड्यूटी पर चले गए।
गौशाला में काम करने वाले अन्य कर्मचारियों ने जब उन्हें गौशाला के भीतर पंखे से लटका हुआ देखा तो तत्काल सिक्योरिटी गार्ड्स और परिजनों को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया। परिजनों की उपस्थिति में फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल की जांच की और शव को नीचे उतरवाया।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। दिलीप कुमार राय के परिवार में उनके माता-पिता, एक भाई और एक बहन हैं। दोनों भाई-बहनों की शादी हो चुकी है। दिलीप की पत्नी लंका थाना क्षेत्र के मदरवा की निवासी हैं। थाना लंका पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।