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BHU के मेस और जलपान गृह की दुर्दशा पर भड़के छात्र, धरने पर बैठे

लगाया आरोप-प्रशासनिक लापरवाही और सुनियोजित साजिश के तहत मैत्री, एग्रो और केंद्रीय कार्यालय के जलपान गृह बंद होने की स्थिति में 

 

कहा-पहले की तरह भोजन और नाश्ते की गुणवत्ता में हो सुधार, नहीं तो लम्बा होगा आंदोलन

वाराणसी, भदैनी मिरर। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिसर में मैत्री जलपान गृह के पास एनएसयूआई के छात्र विश्वविद्यालय में चल रहे जलपान गृह की दुर्दशा को लेकर छात्र बुधवार को धरने पर  बैठ गए। यह छात्र पांच सूत्री मांग को लेकर करने पर बैठे हुए हैं। छात्रों ने प्रश्न उठाया कि विश्वविद्यालय परिसर के जलपान गृह का महत्व क्या हैं ? यहां भी कमीशनखोरी और मनमानी चल रही है? यदि इस पर छात्र काशी हिन्दू विश्ववि‌द्यालय में चर्चा करें तो बेईमानी होंगी ? 

उन्होंने कहाकि यहां के मेस और जलपान गृह में पहले की तरह अब कोई सुविधा नही मिलती। छात्र दोपहर के कक्षा के बाद या कक्षा के अंतराल में नास्ते और भोजन के लिए मैत्री और एग्रो जैसे जलपान गृह के तरफ रुख करते हैं। छात्रों के लिए यह प्रमुख स्थान हैं। वह सोचते हैं कि यहां किफायती दर पर उन्हें बेहतर नाश्ता मिल जाएगा। कभी यहां के शिक्षकों के परिवार से यहां से भोजनालय में आर्डर देते थे। छात्र भी खुश थे, लेकिन जलपान गृह से  50 प्रतिशम से अधिक कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद कोई नियुक्ति नही की गई। सरकार और बीएचयू प्रशासन की की गलत नीतियों की वजह से यहां के जलपान गृह, मेस के भोजन की गुणवत्ता गिरती गई। अब यह बंद होने के कगार पर हैं। 

रिटायर्ड कर्मचारियों की जगह नई भर्ती नहीं की गई। अब यहां के भोजनालय को खंडहर बनते जा रहे हैं। इससे छात्र, शिक्षक और कर्मचारी प्रभावित हैं। हमारी मांग है कि इन भोजनालयों हो पहले की तरह विकसित किया जाय। कर्मचारियों के रिक्त पदों पर नियुक्तियां हो और भोजन की गुणवत्ता में सुधार किया जाय। यदि यहां की स्थिति में सुधार नही होता तो वह लम्बे समय तक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।