वाराणसी में दो संदिग्ध मौतों की निष्पक्ष जांच की मांग, आदिवासी कांग्रेस ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
थाना चौबेपुर क्षेत्र के नारायणपुर और पुमकुन्नी गांव की दो अलग-अलग घटनाओं पर उठे सवाल | भूमि विवाद और जातीय पूर्वाग्रह के आरोप | प्रदेश अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र के नेतृत्व में जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
वाराणसी, भदैनी मिरर डिजिटल डेस्क। उत्तर प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जिलाधिकारी वाराणसी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें थाना चौबेपुर क्षेत्र की दो संदिग्ध मौतों की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 28 अक्टूबर 2025 को थाना चौबेपुर के अंतर्गत ग्राम नारायणपुर में प्रकाश गौड़ पुत्र रमेश गौड़ की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी, जिसे पुलिस ने आत्महत्या बताया है।
वहीं, इसी दिन ग्राम पुमकुन्नी में एक खेत में मिले नरकंकाल की पहचान राजकुमार गोंड उर्फ गुड्डू पुत्र रामजी के रूप में की गई, जो 14 अगस्त से लापता था।
फोरेंसिक रिपोर्ट और डीएनए जांच अब तक लंबित
आदिवासी कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि पुमकुन्नी गांव में मिले कंकाल की पहचान केवल कपड़ों के आधार पर की गई, जबकि डीएनए जांच और फोरेंसिक रिपोर्ट अभी तक नहीं हुई है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इससे दोनों मामलों की सच्चाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
दोनों मामलों में भूमि विवाद
ज्ञापन में बताया गया कि दोनों ही घटनाएं भूमि विवाद से जुड़ी हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि प्रतिवादी पक्ष द्वारा लगातार धमकी और दबाव बनाया जा रहा था। यह भी आरोप है कि 27 अक्टूबर की रात करीब 9:30 बजे भी रमेश गौड़ को जान से मारने की धमकी दी गई थी। अगली सुबह प्रकाश गौड़ की मौत की सूचना मिली, जो सरकारी आरओ प्लांट के पास कमरे में हुई थी।
चौबेपुर थाना की भूमिका पर उठे सवाल
ज्ञापन में मांग की है कि दोनों मामलों की निष्पक्ष जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। नामजद आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी हो और थाने की भूमिका की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. उमेश चंद्र के साथ संजीव गौड़, बृजेश कुमार गौड़, राजकुमार गोंड राजू, अरुण कुमार वर्मा, विकास वर्मा, प्रहलाद गौड़, मनोज गौड़, रामजी गोंड सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।