वाराणसी छावनी में बंगला मालिकों को डराने का आरोप, CEO CB पर सेना बुलाने के अवैध प्रयोग की शिकायत
बनारस छावनी बंगला मालिक संघ ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, छावनी बोर्ड की बैठकों में ADM की नियुक्ति की मांग
वाराणसी,भदैनी मिरर। वाराणसी छावनी क्षेत्र में बंगलों के मालिकों और छावनी बोर्ड प्रशासन के बीच टकराव एक बार फिर सतह पर आ गया है। बनारस छावनी बंगला मालिक संघ ने छावनी बोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सत्यम मोहन पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि वह बंगला मालिकों को डराने के लिए सेना की मदद लेने की कोशिश कर रहे हैं — जो कि पूरी तरह अवैध और गैरकानूनी है।
इस संबंध में संघ की ओर से 16 जुलाई को जिलाधिकारी वाराणसी सत्येन्द्र कुमार (IAS) को एक ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन ADM आपूर्ति के माध्यम से DM कार्यालय में प्रस्तुत किया गया, जिसमें छावनी बोर्ड की बैठकों में एडीएम स्तर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की भी मांग की गई है।
बंगला मालिक संघ ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि छावनी अधिनियम 2006 में इस बात का कोई प्रावधान नहीं है कि निरीक्षण के दौरान सेना के जवानों की मौजूदगी जरूरी हो। इसके बावजूद, CEO द्वारा छावनी निरीक्षण के समय सेना के जवानों को शामिल करना, संघ के अनुसार, नागरिक अधिकारों का उल्लंघन और डीएम की शक्तियों का दुरुपयोग है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि वाराणसी छावनी श्रेणी-1 की छावनी है, और अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत इसमें ADM या कोई अन्य सक्षम अधिकारी की नियुक्ति जरूरी है ताकि छावनी बोर्ड की बैठकों में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
बंगला मालिक संघ ने यह पत्र ब्रिगेडियर ए. दत्ता, स्टेशन कमांडर, 39 GTC, वाराणसी को भी संबोधित किया है और इसकी प्रतियां CEO छावनी बोर्ड वाराणसी व कैंट थाना को भी भेजी गई हैं। संघ का आरोप है कि निरीक्षण नोटिस देने के नाम पर बंगला मालिकों को धमकाया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।