वाराणसी में 40 शिक्षक-कर्मचारियों की गई नौकरी, PM मोदी से लगाई न्याय की गुहार
अग्रिम सूचना के बिना सेवा समाप्ति से नाराज प्रबंधकीय योजना के शिक्षक पहुंचे पीएम मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय, अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज प्रबंधन पर लगाया वित्तीय अनियमितता और उत्पीड़न का आरोप
वाराणसी, भदैनी मिरर। श्री अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज, वाराणसी के दर्जनों शिक्षकों और कर्मचारियों ने प्रबंधन द्वारा की गई मनमानी कार्रवाई के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है। बिना किसी पूर्व सूचना के कॉलेज की प्रबंध समिति द्वारा करीब 40 शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा से मुक्त कर दिया गया, जिसके विरोध में शुक्रवार को सभी पीड़ित पीएम मोदी के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।
शिक्षकों का कहना है कि वे 20 से 25 वर्षों से महाविद्यालय में शिक्षण कार्य कर रहे थे, लेकिन हाल के वर्षों में कॉलेज प्रशासन की नीतियों में भारी मनमानी और वित्तीय अनियमितताएं देखी गईं। पीड़ितों के अनुसार पिछले ढाई महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला, जिससे उनके सामने परिवार चलाने और बच्चों की पढ़ाई जैसी मूलभूत जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि महाविद्यालय की प्रबंध समिति ने दोषारोपण करते हुए उन्हें छात्राओं की घटती संख्या के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया, जबकि वास्तव में प्रवेश संख्या में कमी का कारण प्रशासन की नीतियां और सुविधाओं का व्यावसायिक उपयोग है।
पीड़ित शिक्षकों ने बताया कि सेवा समाप्ति का पत्र उन्हें व्हाट्सएप पर भेजा गया, जो न केवल नियमविरुद्ध है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करता है। इस कारण कई शिक्षक अवसाद में हैं और आत्महत्या जैसे विचार भी आ रहे हैं।
उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर बिना टेंडर एजेंसी से कार्य कराने, तिगुनी कीमत पर परीक्षा सामग्री छपवाने और वित्तीय दोहन जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्राचार्य और प्रबंधक की मिलीभगत से कॉलेज के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है, जबकि शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि वित्तीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए और सेवा से निष्कासित शिक्षकों को पुनः बहाल किया जाए।
पीड़ितों को उम्मीद है कि उनके लोकसभा सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले को गंभीरता से लेंगे और उचित कार्यवाही करेंगे।