योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, यूपी के मदरसों में अब अनिवार्य होंगे ये सब्जेक्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। सरकार का उद्देश्य है कि यहां पढ़ने वाले बच्चे सिर्फ धार्मिक ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि उन्हें आधुनिक शिक्षा से भी जोड़ा जाए ताकि उनका समग्र विकास और करियर ग्रोथ हो सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में इस विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में निर्देश दिए गए कि मदरसों के लिए नया पाठ्यक्रम (करिकुलम) तैयार किया जाए, जिसमें मैथ, साइंस, कंप्यूटर, और स्पोर्ट्स एक्टिविटी जैसे विषय भी शामिल किए जाएं।
आधुनिक और दीनी शिक्षा साथ-साथ
राज्य सरकार में मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी ने बताया कि मदरसों में दीनी तालीम में किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं होगी। बल्कि इसके साथ एनसीईआरटी आधारित विषयों को जोड़कर बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा जाएगा। इसका मकसद यह है कि मदरसे में पढ़ने वाला छात्र धार्मिक ज्ञान के साथ-साथ आधुनिक विषयों में भी निपुण बने।
इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं होंगी बेहतर
सरकार की योजना है कि:
-
साइंस और कंप्यूटर लैब तैयार किए जाएं
-
स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए जाएं
-
करियर काउंसलिंग प्रोग्राम चलाए जाएं
-
बच्चियों के लिए विशेष सुविधाएं विकसित की जाएं
दानिश अंसारी ने कहा कि हम इस दिशा में एक सुनियोजित नीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं।
पाठ्यक्रम तय करने के लिए बनी टीम
मंत्री ने बताया कि निदेशक स्तर की एक टीम बनाई गई है, जो नया करिकुलम तैयार करने के लिए काम कर रही है। यह टीम रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपेगी। इसके बाद कोशिश की जाएगी कि अगले सत्र से ही नई व्यवस्था लागू हो जाए।
15 लाख छात्रों को मिलेगा लाभ
फिलहाल उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड से 16,513 मदरसे पंजीकृत हैं, जिनमें 15 लाख से अधिक छात्र पढ़ रहे हैं। सरकार की योजना है कि सभी मदरसों में फ्री किताबें, बेहतर सुविधाएं, और पारदर्शी शिक्षकों की भर्ती की जाए।
दानिश अंसारी ने साफ कहा कि यह कदम मुस्लिम युवाओं को एक बेहतर भविष्य से जोड़ने की दिशा में है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के विकास को केंद्र में रखकर यह पहल की जा रही है ताकि देश के इस अहम वर्ग के बच्चों को भी समान अवसर मिल सकें।