ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी घोटाले में बनारस के सगे भाइयों को STF ने किया कानपुर में गिरफ्तार
बनारस के मूल निवासी हैं रजत केशरी और किशन केशरी, किदवई नगर में रहकर कर रहे थे अवैध कारोबार
गिरोह के जुड़े अन्य लोगों की एसटीएफ कर रही तलाश
कानपुर। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कूटरचित दस्तावेज़ों के जरिए ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी घोटाला करने वाले संगठित गिरोह के दो सक्रिय सदस्यों को कानपुर नगर से गिरफ्तार किया है। यह दोनों सगे भाई और वाराणसी के मूल निवासी हैं। उनकी पहचान रजत केशरी (25) और किशन केशरी (23) है और दोनों कानपुर के किदवई नगर में रहते थे। इनके पास से सिमकार्ड सहित 5 मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप, 3 एटीएम कार्ड, 2 पैन कार्ड, 3 आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि राज्य में कई संगठित गिरोह fake वेबसाइट बनाकर अवैध रूप से ऑनलाइन गेमिंग और लॉटरी चला रहे हैं। इसके बाद STF की साइबर टीम ने जांच शुरू की और पाया कि कानपुर से https://playbhagyalaxmi.net.in/ नामक वेबसाइट के माध्यम से यह घोटाला किया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने यह वेबसाइट अपने मौसा महेंद्र केशरी और रजनीश कुमार दुबे (वेबट्रॉन टेक्नोलॉजी के निदेशक) के माध्यम से बनवाई थी। वह ग्राहकों को “जीतने पर दस गुना धन” देने का लालच देते थे।
ग्राहक काउंटर या व्हाट्सएप के माध्यम से 0 से 9 नंबरों तक के टिकट बुक करते थे। टिकटों के डेटा को एक सॉफ्टवेयर (जीमनिद.बव.पद) पर फीड किया जाता था। 20 मिनट बाद, सॉफ्टवेयर के जरिए वह नंबर विजेता घोषित किया जाता था, जिसके टिकट सबसे कम खरीदे गए हों। इसके अलावा वह कूटरचित दस्तावेज़ों के जरिए सिम कार्ड खरीदते थे। इन्हीं सिम कार्ड से व्हाट्सएप अकाउंट और ग्रुप बनाकर अवैध लॉटरी का कारोबार किया जाता था। ठगी से आने वाले पैसों के लेनदेन के लिए भी कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर कई फ़र्मों के नाम से बैंक खाते खोले गए थे।
एसटीएफ ने बताया कि गिरोह को मुख्य रूप से महेंद्र केशरी, संदीप कटारिया, शिवम केशरी, सत्यम केशरी (पुणे से) और संदीप पाठक (प्रयागराज से) चला रहे हैं। इस गिरोह द्वारा राज्य सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया है। गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। इस मामले में थाना किदवई नगर, कानपुर में विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।