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बहुचर्चित कफ सिरप कांड : मुख्य सरगना शुभम जायसवाल हुआ 75 हजार का इनामी

सोनभद्र पुलिस ने शुभम समेत चार पर किया 25-25 हजार इनाम घोषित

 

वाराणसी पुलिस शुभम के खिलाफ पहले ही घोषित कर चुकी है 50 हजार का इनाम

बनारस, सहारनपुर और भदोही के हैं अन्य तीन आरोपित 

वाराणसी, भदैनी मिरर। कफ सिरप की तस्करी में फरार आरोपितों में मुख्य सरगना शुभम जायसवाल समेत चार पर सोनभद्र पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इनमें भदोही के निशांत उर्फ रवि गुप्ता, वाराणसी के विजय गुप्ता और सहारनपुर के विशाल उपाध्याय शामिल है। इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें सक्रिय है। पुलिस ने कहा है कि इन आरोपितों के बारे में सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जायेगी। आपको बता दें कि मुख्य सरगना वाराणसी के प्रहलाद घाट के निवासी और दुबई में फरारी काट रहे शुभम जायसवाल पर वाराणसी पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित किया है। अब सोनभद्र पुलिस के 25 हजार इनाम घोषित करने के साथ ही उस पर इनाम की राशि बढ़कर 75 हजार हो गई है।

कोडीनयुक्त कफ सिरप तस्करी कांड की जांच एसआईटी कर रही है। हालांकि शुरू से ही विपक्षी दल जांच पर सवाल उठा रहे हैं। न्यायिक जांच की मांग की जा रही है। एसआईटी जांच में शैली ट्रेडर्स का नेटवर्क आसपास के कई जिलों व राज्यों तक फैला मिला। फर्जी ड्रग लाइसेंस की आड़ में कागजों पर कई करोड़ शीशी कोडिन युक्त कफ सिरप की आपूर्ति दिखाई गई है। इसमें से दो फर्म सोनभद्र में भी पंजीकृत मिली थी। इसके खिलाफ औषधि नियंत्रण विभाग ने रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। साथ ही इससे संबंधित एक आरोपित सत्यम को पिछले दिनों पुलिस ने गिरफ्तार किया। और शुभम के पिता भोला जायसवाल को कोलकाता एयरपोर्ट से दबोचा जा चुका है।

पूछताछ में भोला और सत्यम से मिली जानकारी के आधार पर भदोही के नई बाजार निवासी निशांत उर्फ रवि गुप्ता, वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र के कबीरचौरा निवासी विजय गुप्ता और सहारनपुर के सरसावा थाना क्षेत्र के अशोक विहार कॉलोनी निवासी विशाल उपाध्याय का भी नाम फर्जी फर्म की मदद से कागजों में कफ सिरप की आपूर्ति करने में सामने आया। मामले की जांच में SIT के अलावा अन्य पुलिस टीमें भी लगी है। लेकिन कई आरोपित अभी पुलिस के हत्थे नही चढ़ सके हैं। इसके अलावा इस कांड का एक और पहलू यह है कि नये आरोपितों के पकड़े जाने के बाद कई और नये चेहरे सामने आते जा रहे हैं। इससे माना जा रहा है कि महज कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी का एक ही मामला कई करोड़ के घोटाले का है। यदि यह अरब तक पहुंच जाय तो संदेह नही होना चाहिए। यह कांड अब सियासी रंग ले चुका है। विधानसभा में भी इसको लेकर हंगामा हो चुका है। इन सारी कवायदों के बावजूद परिवार समेत फरारी काट रहा शुभम जायसवाल अबतक पुलिस के शिकंजे में नही आ सका है।