{"vars":{"id": "125128:4947"}}

हेट स्पीच मामले में सपा नेता आजम खां बरी, एमपी/एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

एसडीएम सदर ने 2019 में दर्ज कराया था आजम खां के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला 

 

कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने केस को साबित करने में नाकाम रहा

रामपुर। यूपी के रामपुर जिले के सिविल लाइंस थाने में छह साल पहले समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां पर दर्ज भड़काऊ भाषण के मामले में कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुना दिया। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में आजम खां को बरी कर दिया। आपको बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी ने आजम खां के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज कराया था। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था। मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष की ओर से अंतिम बहस पूरी हो चुकी थी।

मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान आजम खां दोपहर में कोर्ट पहुंचे थे। सुनवाई के बाद एमपी एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सपा नेता को बरी कर दिया। एमपी-एमएलए कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष अपने केस को साबित करने में नाकाम रहा। यह फैसला आजम खां के लिए बड़ी राहत है, लेकिन कई और मामलों की वजह से वह अभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। आजम खां के बारे में शिकायत यह थी कि उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान 23 अप्रैल को रामपुर के मिलक थाना क्षेत्र के खटानागरिया गांव में जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने तत्कालीन रामपुर डीएम अन्जनेय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उम्मीदवार संजय कपूर पर तीखी टिप्पणियां की थीं।

अभियोजन पक्ष का आरोप था कि आजम खां ने चुनाव आयोग को भ्रष्ट बताते हुए मतदाताओं को ध्रुवीकरण के लिए उकसाया। यह भारतीय दंड संहिता और पीपुल्स रिप्रजेंटेशन एक्ट के तहत अपराध है। आपको यह भी बता दें कि आजम खान लगभग 23 महीने जेल में गुजारने के बाज 23 सितंबर को रिहा हुए थे। वह सीतापुर की जेल में बंद रहे। आजम खान पर 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ में वह बरी हो चुके हैं तो कुछ मामले अभी अदालतों में विचाराधीन हैं।