अयोध्या में 500 साल का इंतज़ार खत्म: ध्वजारोहण के साथ राम मंदिर निर्माण हुआ पूर्ण, PM मोदी बोले-सदियों के घाव आज भर गए
अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर के शिखर पर फहराई गई धर्म ध्वजा, पूरे अयोध्या में जय श्री राम के गगनभेदी जयकारे-PM मोदी, CM योगी और RSS प्रमुख मोहन भागवत रहे मौजूद
अयोध्या। सनातन आस्था के प्रतीक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में मंगलवार को ऐतिहासिक क्षण ने हिंदू समाज के 500 साल पुराने स्वप्न को साकार कर दिया। अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराए जाने के साथ ही भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण को पूर्ण घोषित कर दिया गया। ध्वजारोहण के समय पूरा अयोध्या "जय श्री राम" के गगनभेदी उद्घोष से गूंज उठा।
ध्वजारोहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, RSS प्रमुख मोहन भागवत सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। जैसे ही ध्वजा फहराई गई, मंदिर परिसर में उपस्थित संतों, भक्तों और अधिकारियों ने सिर झुकाकर प्रणाम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऐतिहासिक अवसर को युगांतरकारी बताते हुए कहा कि “सदियों के घाव आज भर गए। राम मंदिर के पूर्ण होने के साथ भारत की संस्कृति, आस्था और धैर्य को नई ऊंचाई मिली है।” उन्होंने कहा कि रामलला की दिव्य प्रतिष्ठा और भव्य मंदिर निर्माण भारत की आध्यात्मिक चेतना का नया अध्याय है।
इसके पहले सुबह से ही अयोध्या में भक्तों का सैलाब उमड़ा रहा। सरयू घाटों से लेकर रामपथ तक श्रद्धालुओं की भीड़ 'जय श्री राम' के जयकारों से वातावरण को पवित्र कर रही थी। मंदिर के शिखर पर फहराई गई ध्वजा 44 फीट ऊंचे स्वर्णमंडित कलश के ऊपर स्थापित की गई है, जिसका वजन लगभग 700 टन बताया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह अवसर भारत के गौरव का प्रतीक है। “राम मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, संस्कृति और ताकत का परिचायक बन गया है,” उन्होंने कहा।
ध्वजारोहण के साथ ही मंदिर परिसर के तीनों तल, गर्भगृह, प्रांगण और सहायक संरचनाओं को भी पूर्ण रूप से तैयार घोषित कर दिया गया है। ट्रस्ट सदस्यों के अनुसार आने वाले दिनों में मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकती है, जिसके लिए सुरक्षा और व्यवस्था की विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने इस घटना को इतिहास की सबसे बड़ी आध्यात्मिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि “हमने वह दिन देख लिया, जिसका इंतज़ार पीढ़ियों ने किया था।”