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दिल्ली ब्लास्ट अलर्ट के बीच नेपाल सीमा पर हड़कंप: बिना वीजा घुसपैठ करते पाकिस्तानी मूल के युवक और ब्रिटिश महिला डॉक्टर गिरफ्तार

रुपईडीहा में एसएसबी और पुलिस ने की कार्रवाई, दोनों के पास भारत प्रवेश के वैध दस्तावेज नहीं; दिल्ली धमाके में डॉक्टरों के नेटवर्क पर बढ़ी जांच

 

बहराइच। दिल्ली में 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद पूरे उत्तर भारत में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। इसी सतर्कता के बीच नेपाल सीमा के रुपईडीहा बॉर्डर पर पुलिस और एसएसबी ने बिना वैध वीजा के भारतीय क्षेत्र में घुसते हुए दो विदेशी नागरिकों-एक पाकिस्तानी मूल के युवक और एक ब्रिटिश महिला को गिरफ्तार किया है। दोनों पर अवैध प्रवेश का मामला दर्ज कर कोर्ट में पेश किया गया है।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट के बाद लगातार कई शहरों में छापेमारी जारी है, और जांच में कई डॉक्टरों के नेटवर्क पर खुफिया एजेंसियों की नजर है। फरीदाबाद की डॉ. शाहीन, उसके भाई डॉ. परवेज सहित कई डॉक्टरों के पकड़े जाने के बाद एजेंसियां और ज्यादा सतर्क हैं। इसी दौरान नेपाल सीमा पर दो संदिग्ध विदेशी नागरिकों की गतिविधियों ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया।

पकड़े गए दोनों विदेशी नागरिकों की पहचान

1.  सुमित्रा शकील ओलिविया (61 वर्ष), भारतीय मूल (उडुपी, कर्नाटक) ब्रिटिश नागरिक व ओसीआई कार्ड होल्डर पता: 25 हरकॉम्ब ड्राइव, ग्लौकेस्टर, यूके

2. हस्सन अम्मान सलीम (35 वर्ष) पाकिस्तानी मूल का युवक, पता: ए-1 डलमोरटन रोड, मैनचेस्टर, यूनाइटेड किंगडम

दोनों नेपालगंज से रुपईडीहा में भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे थे। एसएसबी और रुपईडीहा पुलिस ने शक होने पर उन्हें रोका और जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि उनके पास भारत प्रवेश के लिए कोई वैध वीजा या दस्तावेज नहीं थे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ऐसी चर्चा है कि दोनों डॉक्टर हैं और नेपालगंज में अपने किसी डॉक्टर मित्र से मिलने आए थे, लेकिन इस दावे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस दोनों के बैकग्राउंड और यात्रा इतिहास की गहराई से जांच कर रही है।

रुपईडीहा थानाध्यक्ष रमेश सिंह रावत ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे चेकिंग के दौरान दोनों संदिग्ध पाए गए। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि भारत में प्रवेश के लिए उनके पास कोई कानूनी कागजात नहीं हैं। इसके बाद दोनों को हिरासत में लेकर IPC व विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर बहराइच न्यायालय भेज दिया गया।

दिल्ली धमाके के बाद सीमावर्ती इलाकों में बढ़ी चौकसी के कारण यह बड़ी सफलता मानी जा रही है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या इन दोनों का किसी तरह दिल्ली ब्लास्ट या किसी अन्य नेटवर्क से कोई संबंध है या वे वास्तव में केवल यात्रा कर रहे थे।