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UP में शिक्षक MLC चुनाव से पहले एक मंच पर आये वित्तविहीन शिक्षकों के संगठन, किया विलय

आरपी सिंह को प्रदेश अध्यक्ष की सौंपी गई कमान

 

वित्त-विहीन महासभा के संगठनों का संयुक्त संगठन बनाया गया

वाराणसी, भदैनी मिरर। वाराणसी में 2026 शिक्षक MLC चुनाव से पहले वित्त-विहीन शिक्षकों ने बड़ा उलटफेर करते हुए एक संगठन की घोषणा की। बुधवार को प्रदेश के सबसे बड़े उप्र वित्त-विहीन महासभा के सभी संगठनों का संयुक्त संगठन बनाया गया। आठ जिलों में विधान परिषद चुनाव में मतदाता और वित्तविहीन कॉलेजों के शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रभारियों का चयन किया गया। वहीं चुनाव में अहम भूमिका निभाने और छोटे संगठनों को विलय करने पर भी मंथन किया। इस दौरान शिक्षक नेता ऋतिका दुबे ने पूरे चुनाव का व्यापक ब्लूप्रिंट प्रस्तुत किया। 

बुधवार को यूपी में शिक्षक एमएलसी चुनाव से पहले वित्तविहीन शिक्षकों के संगठन की एकजुटता से नया मोड़ आ गया है। यूपी में पिछले कई चुनाव में गुटबाजी झेल रहे शिक्षक अब एक मंच पर होंगे। एमएलसी  चुनाव में एक संगठन ही प्रदेश भर की सीटों पर वित्तविहीन का नेतृत्व करेगा। अब सभी संगठन एक नाम से ही जाने जाएंगे। आठ जनपदों के उप्र वित्त विहीन शिक्षक महासभा की बैठक में सर्वसम्मति से शिक्षकों ने राजेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व को स्वीकार किया। शिक्षक महासभा संयुक्त संगठन की नई टीम में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई। राजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारा पहला लक्ष्य वाराणसी मंडल में रिकार्ड तोड़ मतदाता बनाना है। इसके लिए हर शिक्षक को हर स्तर पर जुटना होगा। वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, सोनभद्र और बलिया में टीमें एकजुटता से काम करेंगी। सभी जनपदों के समस्त विद्यालयों में मतदाता फार्म वितरित करने होंगे। ध्यान देना होगा कि कोई भी मतदाता बनने से न छूटे। हर शिक्षक, प्रधानाचार्य और प्रबंधकों से संवाद कर उन्हें मतदाता सूची में शामिल किया जाय।

शिक्षकों के अधिकार छीनने का षडयंत्र नहीं होगा सफल 

शिक्षक नेता ऋतिका दुबे ने कहा कि वित्तपोषित ही नहीं वित्तविहीन के सभी शिक्षक मतदाता बनेंगे। इसके लिए सारे प्रयास किया जा रहे हैं। शिक्षकों के अधिकारों का हनन करने वाले लोग सिर्फ षडयंत्र रचेंगे, लेकिन शिक्षक का हक नहीं छीन पाएंगे। जिन्हें लगातार कई वर्षों से वोट का अधिकार मिला है, उनका हक छीनना संविधान के अधिकारों का हनन होगा। कोई भी वित्तविहीन शिक्षक इस मतदाता सूची में शामिल होने से वंचित नहीं होना चाहिए। इसके लिए वह जिला निर्वाचन और मंडल निर्वाचन अधिकारी के अलावा प्रदेश निर्वाचन अधिकारी से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि वित्तविहीन से जुड़े 4 एमएलसी अभी सदन में मौजूद हैं। हालांकि संगठन की एकजुटता के मुद्दे पर जल्द ही बड़ा सम्मेलन किया जाएगा। दोनों संगठन अब एक महासभा के रूप में जानो जाएंगे और यह हमारी पहली जीत है। इस दौरान जौनपुर के अखिलेश सिंह ने चुनावी तैयारियों पर चर्चा की। बैठक में वाराणसी के जिलाध्यक्ष प्रमोद मिश्रा, सोनभद्र से उमाकांत मिश्रा, कॉलेज प्रबंधक राजेश उपाध्याय, उमाकांत मिश्रा, उमाकांत शुक्ला, विजेंद्र देव पांडेय, अखिलेश सिंह, मनोज पटेल, संतोष गुप्ता, नरसिंह यादव, पारसजी, श्रद्धेय गुप्ता, केके दुबे, ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, जयशंकर दुबे, विकास सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख संदीप सिंह आदि रहे।