गोलियों से घायल कुख्यात माफिया विनय त्यागी की मौत, एम्स में कराया गया था भर्ती
पुलिस वाहन से पेशी के लिए कोर्ट ले जाते समय बदमाशों ने की थी अंधाधुंध फायरिंग
विनय के खिलाफ मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और हरिद्वार सहित अन्य जिलों में दर्ज थे 60 से अधिक मुकदमे
सुरक्षा में हुई चूक, माफिया के परिवार ने कहा-नही दी गई पर्याप्त सुरक्षा, जांच की मांग
मुजफ्फरनगर। पेशी के लिए पुलिस की गाड़ी में ले जाते समय बदमाशों की अंधाधुध फायरिंग में गंभीर रूप से घायल मुजफ्फरनगर के खाईखेड़ी गांव के निवासी कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की शनिवार सुबह एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस हिरासत में पेशी के लिए कोर्ट ले जाते समय हुए हमले में गंभीर रूप से घायल हो गया था। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी ने सुबह 7 बजे उसकी मौत की पुष्टि की। पोस्टमार्टम भी एम्स में ही कराया गया। यह सनसनीखेज वारदात 24 दिसंबर को हरिद्वार के लक्सर फ्लाईओवर पर हुआ था। बाइक सवार बदमाशों ने पुलिस वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें विनय त्यागी को गले, सीने और हाथ में तीन गोलियां लगी थीं। गंभीर हालत में उसे पहले स्थानीय अस्पताल और फिर एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था।
विनय त्यागी पश्चिमी यूपी का कुख्यात माफिया था। उस पर मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, देहरादून और हरिद्वार सहित कई जिलों में 60 से अधिक मुकदमे दर्ज थे। पूर्वांचल के माफिया भी उससे मदद लेते थे। उसके खिलाफ लूट, हत्या का प्रयास, डकैती, रंगदारी, हथियार तस्करी और धोखाधड़ी समेत कई संगीन मुकदमे दर्ज थे। जरायम जगत में वह काफी लंबे समय से सक्रिय था। मुजफ्फरनगर के पुरकाजी ब्लॉक से उसने दो बार अपनी पत्नी निशु त्यागी को प्रमुख का चुनाव लड़वाकर जितवाया था। पिछले दिनों देहरादून में एक कारोबारी के घर से करोड़ों की लूट में उसका नाम सामने आया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। वह धोखाधड़ी के मामले में रुड़की जेल में बंद था और लक्सर कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। तभी पहले से घात लगाये बदमाशों ने पुलिस वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग झोंक दी।
हालांकि बाद में पुलिस ने दोनों शूटरों काशीपुर निवासी सनी यादव उर्फ शेरा और अजय को खानपुर क्षेत्र के जंगल से गिरफ्तार कर लिया था। यह घटना पुरानी रंजिश के चलते हुई थी। लेकिन पुलिस सुरक्षा में और वह भी वाहन पर फायरिंग की घटना सुरक्षा चूक थी। इसलिए तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। शूटरों का मकसद किसी भी हाल में विनय त्यागी की हत्या करना था और वह अपने मकसद में कामयाब हो गये। हालांकि विनय त्यागी के परिवार ने उत्तराखंड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहाकि जानबूझकर सुरक्षा नहीं दी गई। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। इस घटना से पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड के जरायम जगत में खलबली पैदा कर दी है। बताते हैं कि उसने पत्नी को तो राजनीति में उतारकर अपनी पकड़ बनानी शुरू कर दी थी। अब वह खुद जरायम जगत से राजनीति में कदम रखने की तैयारी कर रहा था। इसी उद्देश्य से वह पिछली बार सहारनपुर के देवबंद से विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन हार गया।
विनय त्यागी को कारागार से चालक सहित छह पुलिसकर्मी सरकारी वाहन में उसे पेशी पर ले जा रहे थे। फ्लाईओवर के बीच जाम के कारण वाहन रोकना पड़ा। यहां हमलावर पहले से घात लगाकर मौजूद थे। बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश पहुंचे और पुलिस वाहन पर अंधाधुंध फायरिंग झोंक दी। वाहन में बैठे विनय त्यागी को तीन गोलियां लगीं और वह वाहन में गिर गया। इससे अफरातफरी मच गई। इस दौरान दो पुलिसकर्मी चोटिल हो गये। जबतक पुलिस कुछ करने की स्थिति में आती बदमाश असलहा लहराते बाइक से भाग निकले। लेकिन इस घटना में फ्लाईओवर पर जाम में पुलिस वाहन का रूकना और बदमाशों का वही पर घात लगाकर पहले से मौजूद रहना संदेह पैदा करता है। सवाल यह उठता है कि बदमाशों ने कैसे और क्यों हमले के लिए वही स्थान चूना।