बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव पहलवान की सड़क हादसे में मौत
कुशीनगर जिले के बघउच घाट मोड़ पर अज्ञात वाहन की टक्कर से हुई मौत, बाइक से जा रहा था सुखदेव
पूर्व मंत्री डीपी यादव के बेटे के साथ सुनाई गई थी सजा, तीन महीने पहले जमानत पर छूटकर आया था घर
कुशीनगर। देश की सबसे चर्चित आपराधिक घटनाओं में से एक नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की मंगलवार को सड़क हादसे में मौत हो गई। यह दुर्घटना रात दस बजे कुशीनगर जिले के बघउच घाट मोड़ पर हुई। सुखदेव नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में पूर्व मंत्री डीपी यादव के बेटे और उसके चचेरे भाई के साथ सह दोषी था। अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
आपको बता दें कि 23 साल पहले नीतीश कटारा की हत्या हुई थी। बताते हैं कि कुशीनगर के तुर्कपट्टी थाने के मधुरिया पुलिस चौकी के पास बाइक सवार सुखदेव पहलवान को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बीस साल जेल में रहने के बाद सुखदेव पहलवान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तीन महीने पहले ही रिहा हुआ था। वर्ष 2002 में हुए नीतीश कटारा हत्याकांड में बाहुबली नेता डीपी यादव के पुत्र विकास यादव और विशाल यादव के साथ सुखदेव पहलवान को भी सजा सुनाई गई थी। सुखदेव की मौत के बाद एक बार फिर नीतीश कटारा हत्याकांड सुर्खियों में आ गया। इसके साथ ही सुखदेव की यह मौत कई सवाल खड़े हो गये हैं। पुलिस के अनुसार कुशीनगर के तुर्कपट्टी थाने के मधुरिया पुलिस चौकी के पास सुखदेव पहलवान बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल सुखदेव को स्थानीय अस्पताल ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस घटना के कारणों और अज्ञात वाहन की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस के अनुसार प्रथम द्रष्टया मामला दुर्घटना का लग रहा है। फिर भी सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
सुखदेव पहलवान का नाम 2002 में दिल्ली के प्रतिष्ठित व्यापारी परिवार के बेटे नीतीश कटारा की निर्मम हत्या से जुड़ा था। इस सनसनीखेज वारदात में बाहुबली नेता डीपी यादव के पुत्र विकास यादव और विशाल यादव के साथ सुखदेव को भी मुख्य आरोपी बनाया गया था। निचली अदालत ने तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सजा को कम करते हुए सुखदेव को 20 वर्ष की कैद के बाद रिहा करने का आदेश दिया। जुलाई 2025 में सुखदेव जेल से बाहर आने के बाद कुशीनगर में ही रह रहा था और सामान्य जीवन जीने की कोशिश कर रहा था। इस चर्चित हत्याकांड में नीतीश कटारा की मां नूतन कटारा ने न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कई बार इस केस में सख्ती दिखाई और सुखदेव की रिहाई पर दिल्ली सरकार को फटकार भी लगाई गई थी। सुखदेव की मौत के साथ ही नीतीश कटारा हत्याकांड का एक अध्याय तो समाप्त हो गया। लेकिन यह घटना यह भी याद दिलाती है कि देश में न्याय की प्रक्रिया कितनी लंबी और जटिल है।