{"vars":{"id": "125128:4947"}}

लखनऊ में सड़क कब्जे, दबंगई मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत 10 पर मुकदमा, इंस्पेक्टर लाइन हाजिर

ब्लाक प्रमुख पति कर रहा था सड़क पर कब्जा, विरोध करने पर पूर्व सांसद से दिलवाता था धमकी

 

दबंगई से त्रस्त्र स्वास्तिका सोसाइटी के लोगों ने की पुलिस कमिश्नर से शिकायत

लखनऊ। अहिमामऊ स्थित स्वास्तिका सोसाइटी में सड़क कब्जे के मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, ब्लाक प्रमुख पति विनय सिंह, सरकारी गनर समेत दस लोगों पर 11 विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके अलावा सड़क कब्जे में साथ देने वाले इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को पुलिस आयुक्त ने लाइन हाजिर कर दिया। इस मामले में प्रभारी मंत्री ने फोन कर कार्रवाई के लिए कहा था। लेकिन इंस्पेक्टर ने उनकी भी नही सुनी और एकतरफा कार्रवाई करते हुए वादी पर मुकदमा दर्ज कर दिया था। अब इस मामले की जांच एसीपी गोसाईगंज कर रहे हैं। 

भुक्तभोगी कौशल तिवारी परिवार के साथ अहिमामऊ स्थित स्वास्तिका सिटी में रहते हैं। उनके बगल में विनय सिंह की ब्लाक प्रमुख पत्नी मांडवी सिंह ने करीब 4500 वर्गफुट जमीन खरीदकर मकान बनाया है। कौशल तिवारी ने बताया कि बैनामे में दक्षिण दिशा में 20 फीट चौड़ी सड़क दर्शाई गई है। यह करीब 20 वर्षों से डामर रोड के रूप में कालोनी के मुख्य मार्ग के तौर पर उपयोग में है। इसी सड़क को बंद कर मकान में मिलाने के उद्देश्य से विनय सिंह कब्जे का प्रयास कर रहे थे। 29 दिसंबर की शाम चार बजे विनय सिंह अपने सरकारी गनर विपुल यादव, निजी रायफलधारी सौरभ सिंह उर्फ सोनू और दस अज्ञात असलहाधारी लोगों के साथ पहुंचे। इसके बाद दीवार खड़ी कर सड़क बंद करने लगे। जब कालोनी के लोगों ने इसका विरोध किया तो उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। दहशत का माहौल कायम हो गया।

कालोनीवासियों ने बताया कि विनय सिंह खुद को पूर्व सांसद धनंजय सिंह का रिश्तेदार बताते हैं और मोबाइल पर उनसे बात कराकर धमकी दिलवाते रहे। इसका वीडियो उनके पास मौजूद है। विरोध करने पर रामू नामक युवक के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पिटाई की गई, जिससे वह बेहोश हो गया। बताते हैं कि आरोपित असलहे की दम पर लोगों को हड़काते और दौड़ा लेते रहे। इन दबंगों के डर से लोग सहमे हुए हैं। पुलिस दबाव में कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसी दौरान इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद दबंगों से त्रस्त कालोनी के लोग पुलिस आयुक्त से मिले और पूरे मामले से अवगत कराया। पुलिस आयुक्त ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया और मामले की जांच एसीपी को सौंप दी। उन्होंने पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

बताया जाता है कि इसी स्वास्तिका सोसाइटी में नशे के लिए  इस्तेमाल कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के आरोपित और पूर्व सांसद के करीबी एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की दस हजार स्क्वॉयर फीट की कोठी है। उसी के सामने धनंजय सिंह की भी कोठी है। बताया जाता है कि आलोक सिंह के मकान का नक्शा तक एलडीए से पास नहीं है। वहीं इस प्रकरण में लाइनहाजिर इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह के बारे में इससे पहले भी शिकायतें होती रहीं। लेकिन कार्रवाई नही हो सकी। उपेंद्र सिंह ऊंची पहुंच का हवाला देकर अधिकारियों पर भी रौब जमाता रहा। इससे उच्चाधिकारी भी परेशान थे। पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में स्थानीय चौकी इंचार्ज की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अगर उसकी मिलीभगत पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।