Kanpur : पूर्व एसीपी मोहसिन खान के निलंबन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, IIT छात्रा ने लगाया है यौन शोषण का आरोप
अगली सुनवाई 28 जुलाई को, सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब
कानपुर/लखनऊ। IIT की पीएचडी छात्रा द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बीच पूर्व एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सरकारी आदेश के तहत किए गए उनके निलंबन पर फिलहाल रोक लगा दी है और राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
पूर्व एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ 12 दिसंबर 2024 को कल्याणपुर थाने में छात्रा ने यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। छात्रा ने आरोप लगाया कि मोहसिन खान ने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया। आरोप लगने के बाद पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार ने उन्हें तत्काल कानपुर से हटाकर लखनऊ मुख्यालय से अटैच कर दिया था, और बाद में विभागीय जांच के आधार पर निलंबन की कार्यवाई कर दी गई थी।
मोहसिन खान ने अपने निलंबन आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। उनके अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने तर्क दिया कि "उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली, 1956" के तहत पहली शादी रहते हुए दूसरी शादी करना कदाचार है, लेकिन किसी महिला से विवाहेतर संबंध (extra-marital affair) रखना नियमों का उल्लंघन नहीं है। अतः निलंबन को अनुचित करार दिया गया।
हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए फिलहाल निलंबन पर रोक लगाई है और सरकार से चार सप्ताह में विस्तृत जवाब तलब किया है। अब मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई 2025 को होगी।
पीड़िता की ओर से आयोगों में शिकायत
पीड़िता ने आरोप लगाया है कि मोहसिन पर अब तक कठोर कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि वह "वर्दी के प्रभाव और सत्ता के दुरुपयोग" का लाभ उठा रहे हैं। छात्रा ने एससी/एसटी आयोग, नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन और अन्य संस्थानों में ईमेल के माध्यम से शिकायतें दर्ज कराई हैं।
पीड़िता का कहना है, "मैं खुद को न्याय के लिए संघर्षरत देख रही हूं, जबकि आरोपी कानूनी तकनीकीताओं का फायदा उठाकर खुद को बचा रहा है। मैं जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में मिलकर इस मामले में न्याय की गुहार करूंगी।"